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Written By WD

आतंक की आग में फिर झुलसा असम

नए साल पर तीन धमाकों में 5 मरे, 50 घायल

आतंक की आग में फिर झुलसा असम -
सिलसिलेवार बम धमाकों से गुरुवार को गुवाहाटी फिर दहल गया। लोग नए साल के उत्साह में झूम रहे थे, तभी शहर के बीरूगढ़, भूतनाथ बाजार और भांगागढ़ इलाकों में हुए तीन विस्फोटों से दहशत फैल गई। इन धमाकों में 5 लोग मारे गए जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं।

PTI
घायलों को जीएससी तथा एमएमसी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें चार की हालत काफी गंभीर है। धमाकों में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक साइकिल और कूड़ेदान में रखे गए थे। धमाकों के लिए भीड़भाड़ वाले इलाकों को चुना गया था। ये वारदातें ऐसे समय में हुईं जबकि केंद्रीय गृहमंत्री पी. चिदंबरम के आगमन के मद्देनजर चौकस सुरक्षा इंतजाम थे। हालाँकि असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने सुरक्षा में कमी की बात स्वीकारी है।

गृह मंत्रालय ने विस्फोटों में अलगाववादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) का हाथ होने का संदेह व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने विस्फोटों की निंदा की है जबकि भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि मुंबई घटना के बाद भी आतंकियों का मनोबल कमजोर नहीं हुआ है। इससे पहले 30 अक्टूबर को असम के कई शहरों में हुए धमाकों में 88 लोगों की जान गई थी।

गुरुवार को यह धमाके गृहमंत्री पी. चिदंबरम के शहर में आने के कुछ घंटे पहले हुए। विस्फोटों के लिए टाइम डिवाइस का प्रयोग किया गया था। गृहमंत्री राज्य में कानून एवं शासन की स्थिति का जायजा लेने के लिए दो दिन की यात्रा पर आए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की अगुवाई में हुई एकीकृत कमान की बैठक में शिरकत की।

भूतनाथ बाजार में जहाँ विस्फोट हुआ उसी रास्ते से गृहमंत्री को गुजरना था। यही नहीं, ये धमाके प्रधानमंत्री के इस रूट से शिलांग निकलने से एक दिन पहले हुए। मनमोहन शिलांग में 3 जनवरी को भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्‍घाटन करने जाएँगे।

हालाँकि उल्फा ने अब तक धमाकों की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन माना जा रहा है कि इन विस्फोटों के माध्यम से उल्फा अपनी शक्ति का प्रदर्शन और गुरुवार से देशभर में लागू गैरकानूनी गतिविधियाँ (निवारक) संशोधक विधेयक का विरोध करना चाहता था। उल्फा और पूर्वोत्तर के दूसरे बागी संगठन पहले से ही सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून का विरोध करते रहे हैं। इस नए कानून को वे पहले से ज्यादा खतरनाक मानते हैं।

डीजीपी जीएम श्रीवास्तव ने बताया कि धमाके को प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा ने अंजाम दिया। दो लोगों ने अस्पताल जाते समय दम तोड़ दिया और एक की गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मृत्यु हो गई। ये सभी लोग गुवाहाटी-शिलांग मार्ग पर भांगागढ़ के बिग बाजार के सामने सायं 5.45 बजे हुए धमाके में मारे गए।

इस धमाके में तीन लोग मारे गए जबकि 35 लोग घायल हुए जिनमें चार महिलाएँ हैं। मृतकों में दो पुरुषों की पहचान अमल दास और काहिल शेख के रूप में की गई है, जबकि महिला के बारे में जानकारी नहीं मिली है। यह इलाका गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज के काफी पास है। मिठाई की एक बंद दुकान के सामने यह गुरुवार को हुआ तीसरा धमाका था जो सबसे ज्यादा घातक साबित हुआ।

पहला धमाका बीरूबाड़ी में साढ़े तीन बजे के करीब हुआ। विस्फोटक टीबी अस्पताल के निकट रखे नगर निगम के कूड़ेदान में रखा गया था। यहाँ अल्ताफ अली, फातिमा बेगम और राउफ अली घायल हो गए। दूसरा धमाका भूतनाथ इलाके में सायं 5.30 बजे हुआ। यहाँ 18 लोग घायल हुए। यहाँ बम एक साइकिल में रखा था। अधिकृत सूत्रों के अनुसार इस विस्फोट में दो लोग मारे गए जबकि 12 लोग घायल हो गए।

इस बीच भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत सरकार को चाहिए कि वह बांग्लादेश की नई सरकार पर इस बात का दबाव बनाए कि वह अपनी भूमि का इस्तेमाल भारत में आतंकी घटनाओं के लिए नहीं होने दे।