नई दिल्ली   April 20, 2014 Last Updated at 18:17 IST

सफल नहीं हो पाया दिल्ली का सस्ता शराब ब्रांड

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नई दिल्ली। पूर्ववर्ती शीला दीक्षित सरकार ने अवैध शराब की बिक्री पर काबू पाने के लिए एक सस्ती शराब बाजार में उतारी थी, जो कि प्रचार-प्रसार के अभाव में सफल नहीं हो पा रही।

इस ब्रांड की शराब का हाल यह है कि प्रचार-प्रसार के अभाव के कारण पहले वाला ही स्टॉक नहीं बिक रहा और डीलर नया ऑर्डर नहीं कर रहे। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि प्रचार-प्रसार के अभाव में इसकी बिक्री लगातार कम हो रही है तथा इसके उत्पादन को लेकर भी अनिश्चितता बढ़ी है। यह शराब, दिल्ली मीडिया लिकर (डीएमएल) 2 साल पहले बाजार में आई थी। प्रचार-प्रसार पर अधिक ध्यान नहीं दिए जाने के कारण इसके लिए मांग कभी जोर पकड़ ही नहीं पाई और ग्राहक सस्ती देसी शराब को ही वरीयता देते रहे।

अधिकारी ने कहा कि स्थानीय शराब पीने वाले ज्यादातर ग्राहकों को डीएमएल की जानकारी ही नहीं है। अन्य सस्ते ब्रांडों के फैंसी नाम हैं और वे अधिक लोकप्रिय हैं, जो कि डीएमएल की कम ब्रिकी का एक प्रमुख कारण है।

अधिकारी ने कहा कि विज्ञापन नीति निर्माण का हिस्सा है और इसके लिए धन की जरूरत होती है। नई सरकार केवल परियोजना की देखरेख कर सकती है। परियोजना चल तो रही है लेकिन उत्पादन नहीं बढ़ रहा।

डीएमएल 2012 में तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने पेश की थी। नकली शराब की बिक्री पर काबू पाने के लिए इसकी शुरुआत प्रायोगिक रूप से की गई। (भाषा)