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Written By वार्ता
Last Updated :बीजिंग (वार्ता) , बुधवार, 9 जुलाई 2014 (20:13 IST)

कुत्तों के दिन फिरे, खच्चरों की जान सांसत में

कुत्तों के दिन फिरे, खच्चरों की जान सांसत में -
ओलिम्पिक खेलों के दौरान चीन की राजधानी बीजिंग में कुत्ते बेखौफ होकर घूम सकेंगे।

बीजिंग के खाद्य सुरक्षा कार्यालय ने शहर के होटलों और रेस्तोराँओं से कहा है कि वे अगस्त और सितंबर में ओलिम्पिक और पैरालिम्पिक खेलों के दौरान कुत्ते के माँस से बने व्यंजन नहीं परोसें।

कुत्ते का माँस बीजिंग में कोरियाई समुदाय के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है। युन्नान और ग्वीझाऊ के रेस्तोराँओं में भी कुत्ते के माँस से बने व्यंजन परोसे जाते हैं।

चीन को चिंता है कि रेस्तोराँओं में कुत्ते का माँस परोसे जाने से पशु अधिकार संगठन और पश्चिमी मेहमान नाराज हो सकते हैं।

कुत्तों की तो कम से कम 2 महीनों के लिए जान बची मगर खच्चरों के बारे में बीजिंग के अधिकारियों के विचार अभी पता नहीं चले हैं। शहर में कुछ ऐसे भी रेस्तोराँ हैं जहाँ खच्चर का माँस परोसा जाता है।

दक्षिण कोरिया ने भी 1988 के ओलिम्पिक खेलों के दौरान सोल में कुत्ते के माँस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था।