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Written By भाषा

नस्ली हिंसा पर निगाह रखे एफबीआई

नस्ली हिंसा पर निगाह रखे एफबीआई -
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वॉशिंगटन। एक प्रभावशाली अमेरिकी सांसद ने शुक्रवार को एफबीआई से देश में रह रहे हिंदुओं, सिखों और अरब अमेरिकियों के खिलाफ नफरत के कारण होने वाले अपराधों और उनकी संख्या का पता लगाने को कहा।

अमेरिकी सांसद जो क्राउली ने कहा कि सिख, हिंदू और अरब अमेरिकियों के खिलाफ हिंसा और नफरत का व्यथित करने वाला सिलसिला अस्वीकार्य है, लेकिन हम समस्या का हल तब ही कर सकते हैं जब हम इन समुदायों के खिलाफ अपराध का पूरा दायरा और गंभीरता जानते हों।

एफबीआई एडवाइजरी पॉलिसी बोर्ड (एपीबी) की 5 जून को एक बैठक होने वाली है। बैठक में एफबीआई की ‘नस्ली हिंसा घटना रिपोर्ट फॉर्म’ अपडेट करने पर विचार किया जाएगा, जो अमेरिका में हुई नस्ली हिंसा, इन समुदायों के खिलाफ अपराधों का दस्तावेजीकरण करने में संघीय सरकार के लिए प्राथमिक तंत्र की भूमिका निभाता है।

बैठक से पहले क्राउली ने कहा कि सिख, हिंदू और अरब अमेरिकी अक्सर हिंसा और जानलेवा हमले का निशाना बने हैं और कई बार तो हमलावरों ने हिंसा के जो कारण बताए वे नस्ली नफरत से जुड़े थे।

क्राउली ने कहा इसीलिए मैं एफबीआई का फिर आह्वान कर रहा हूं कि वह इन समूहों के खिलाफ नस्ली नफरत के अपराधों पर निगाह रखना शुरू करना चाहिए। मैं इस मामले पर एडवाइजरी पॉलिसी बोर्ड की कार्रवाई का इंतजार कर रहा हूं।

उन्होंने कहा ‍कि इसमें कोई मतभेद नहीं है कि हेट क्राइम इन्सीडेंट रिपोर्ट फॉर्म को अद्यतन किया जाना चाहिए ताकि वह सच जाहिर हो सके जिसका इन समूहों को हर दिन सामना करना पड़ता है। मुझे उम्मीद है कि एडवाइजरी पॉलिसी बोर्ड इस जरूरत को समझेगा और बदलाव के लिए सुझाव देगा।

अप्रैल माह में क्राउली की अगुवाई में 93 अमेरिकी सांसदों ने एक पत्र लिखकर एफबीआई से ‘हेट क्राइम इन्सीडेंट रिपोर्ट फॉर्म (1-699) को अद्यतन करने एवं उसमें सिख अमेरिकियों के खिलाफ हुए अपराधों को शामिल करने का आग्रह किया था। इसके बाद अगस्त 2012 में ओक क्रीक स्थित सिख गुरुद्वारे में हुए हमले में 6 लोगों की जान गई थी।

मार्च 2013 में क्राउली ने कांग्रेस के 100 सदस्यों के हस्ताक्षर वाला एक पत्र एफबीआई एडवाइजरी पॉलिसी बोर्ड को सौंपा था जिसमें देश में रह रहे हिंदू, सिख और अरब अमेरिकियों के खिलाफ नस्ली नफरत के अपराधों पर निगाह रखने और इनकी संख्या का पता लगाने की मांग थी। (भाषा)