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Written By भाषा

टीवीयू के छात्रों की परेशानी दूर होगी

टीवीयू के छात्रों की परेशानी दूर होगी -
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अमेरिका ने भारत को आश्वासन दिया है कि वह कैलिफोर्निया स्थित बंद हुए ट्राई-वैली विश्वविद्यालय (टीवीयू) के भारतीय छात्रों की समस्या का ‘उचित समाधान’ निकालेगा। टीवीयू को छात्रों के साथ वीजा धोखाधड़ी के मामले सामने आने के बाद बंद कर दिया गया।

राजनीतिक मामलों के उपविदेश मंत्री विलियम बर्न्‍स ने भारत की विदेश सचिव निरुपमा राव को एक बैठक के दौरान इस बात का आश्वासन दिया। बर्न्‍स ने निरुपमा को आश्वस्त किया कि अमेरिका सरकार टीवीयू के बंद होने से प्रभावित हजारों भारतीय छात्रों की परेशानी का ‘उचित समाधान’ निकालेगी।

निरुपमा ने अपनी वाशिंगटन यात्रा के समापन पर संवाददाता सम्मेलन में बताया, ‘मैंने जिन भी मुद्दों पर बात की, उनमें टीवीयू का मुद्दा बहुत अहम था। खास तौर पर मेरी उपविदेश मंत्री विलियम बर्न्‍स के साथ बैठक के दौरान, मैंने यह मुद्दा उठाया और उन्हें अपनी चिंताओं से अवगत कराया। मैंने उन छात्रों के पुनर्वास का मुद्दा उठाया, जो टीवीयू से जुड़ी घटनाओं के कारण प्रभावित हुए हैं।’

विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने इस मुद्दे को अपनी अमेरिकी समकक्ष हिलेरी क्लिंटन के साथ बातचीत में उठाया था, जिसके बाद से निरुपमा इस मुद्दे पर अमेरिका के आला अधिकारियों से बातचीत कर रही हैं।

इसके पहले सोमवार को, अमेरिका में भारत की राजदूत मीरा शंकर ने इस मुद्दे पर भारत की चिंताओं से विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को भी अवगत कराया था।

निरुपमा ने कहा, ‘मुझे उपमंत्री बर्न्‍स ने आश्वासन दिया है कि अमेरिका सरकार इस मुद्दे पर नजर रखे हुए है और वह इस बहुत ही दुर्लभ और गंभीर परेशानी का उचित समाधान निकालना चाहते हैं। उन बहुत से छात्रों की परेशानी का, जो टीवीयू में पंजीकृत हैं।’ भारतीय दूतावास आगामी कुछ दिनों तक इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय के संपर्क में रहने वाला है ।

विदेश सचिव ने कहा, ‘हमारा जोर इस बात पर है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से प्रभावित छात्रों की परेशानियों का समाधान निकाले और उनके भविष्य से खिलवाड़ किए बिना उन्हें दूसरे प्रामाणिक विश्वविद्यालयों में वैकल्पिक तौर पर प्रवेश मिले।’

निरुपमा ने बर्न्‍स के साथ अपनी बैठक के बारे में बताया, ‘हमारी चिंता यह है कि छात्रों का भविष्य न प्रभावित हो और हमारा ध्यान किसी भी अवैध गतिविधि में न लिप्त इन छात्रों को दूसरे विश्वविद्यालयों में शामिल कराने की ओर है।’ सवालों का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय की इस अधिकारी ने कहा कि इस दुर्लभ घटना से अमेरिका में ’इंडिया ब्रांड’ पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। (भाषा)