वॉशिंगटन। इस वर्ष के लिए तेरह सिमेन्स इनवेस्टिगेटर्स अवॉर्ड्स के लिए जिन तेरह गणितज्ञों, थियोरिटकिल फिजिसिस्ट्स और थियोरिटिकल कम्प्यूटर साइंटिस्ट्स को सम्मानित किया जाना है, उनमें चार भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक भी शामिल हैं।
ये लोग फिलहाल स्टानफोर्ड यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड, मैसाचुएटेस इंस्टीट्यूट्स ऑफ टेक्नोलॉजी और पेंसिलवानिया यूनिवर्सिटी में काम कर रहे हैं। इनमें से प्रत्येक को पांच वर्षों के लिए प्रतिवर्ष एक लाख डॉलर की राशि दी जाएगी ताकि ये लोग अपना दीर्घकालिक शोध कार्य जारी रख सकें। इस शोधवृत्ति की सीमा पांच और वर्षों के लिए बढ़ाई जा सकती है। यह पुरस्कार न्यूयॉर्क स्थित सिमन्स फाउंडेशन ने दिए है जिसकी 1994 में स्थापना की गई थी।
जिन चार गणितज्ञों को यह ग्रांट की गई है उनमें से एक कन्नन सुंदरराजन भी हैं जिन्होंने मिशीगन और प्रिंसटन से अपनी पढ़ाई की है। कम्प्यूटर साइंस के तीन पुरस्कारों में से दो भारतीय अमेरिकियों को मिले हैं। ये हैं राजीव अलूर और सलिल पी. वधान। एमआईटी में फिजिक्स के प्रोफेसर सेंथिल तोडाडी भी शामिल हैं जो फिलहाल कंडेंस्ड मैटर फिजिक्स के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।