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Written By WD

नॉर्थ कैरोलाईना में बनेगा 'लर्निंग सेंटर'

'धन एकत्रित' कार्यक्रम का आयोजन संपन्न

Learning Centre | नॉर्थ कैरोलाईना में बनेगा ''लर्निंग सेंटर''
- दर्पण शर्मा
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गत दिवस हिन्दू भवन, नॉर्थ कैरोलाईना के खुले प्रांगण में लाइट एवं साउंड के मिश्रण के साथ गीत-संगीत, नृत्य और नाटक के सम्मिश्रण की प्रस्तुति का एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम से 'लर्निंग सेंटर', जो मोर्रिस्विल्ले, नॉर्थ कैरोलाईना में बनाए जाने की योजना है, के लिए 'धन एकत्रित' किया गया। इस 'लर्निंग सेंटर' में 800 से अधिक बच्चे हिन्दी के साथ-साथ भारत की अन्य भाषाएं पढ़ेंगे, संस्कार अकादमी की कक्षाएं भी लगेंगी।

इस बार 'धन एकत्रित' करने के ज़िम्मा संस्कार अकादमी और कार्यक्रम की प्रस्तुति शिडोरी प्रोडक्शन्स, नॉर्थ कैरोलाईना ने संभाली और उसे सफलतापूर्वक पूरा किया। शिडोरी प्रोडक्शन्स ने पिछले वर्ष हिन्दी विकास मंडल के तत्वावधान में 'कल आज और कल' शो किया था। इस शो से 'लर्निंग सेंटर' में बच्चों को हिन्दी पढ़ाने के लिए जो कमरा बनाया जाएगा, उसके लिए धन एकत्रित किया गया था।

इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि इसे स्थानीय कलाकारों ने पिछले छह महीने की मेहनत से तैयार किया था। भारत से कलाकारों को बुला कर किए जाने वाले कार्यक्रम बहुत महंगे पड़ते हैं और फिर एकत्रित किए धन का बहुत-सा हिस्सा प्रोमोटर और आर्टिस्ट ले जाते हैं। इसलिए शिडोरी प्रोडक्शन्स को यह काम सौंपा गया, जिसमें सभी कलाकार स्वयंसेवी हैं।

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जिसकी स्थापना रवि देवराजन, सुधा ओम ढींगरा और बिंदु सिंह ने नॉन प्रॉ‍फिट ऑर्गेनाइजेशन की फंड रेसिंग करने के लिए की है और तब से अब तक कई संस्थाओं के लिए 'धन एकत्रित' किया जा चुका है। 'रास्ते' शो की स्क्रिप्ट ऐसी थी कि उसमें गीत-संगीत, स्ट्रीट प्ले, नृत्य, दृश्य, ध्वनी और रोशनी का प्रयोग कर प्लेटफार्म का समा बांधा गया था।

लाहौर से दिल्ली और दिल्ली से मुंबई जाने वाली गाड़ी में बातचीत, लाहौर, अमृतसर, दिल्ली, झांसी और अंत में मुंबई स्टेशन पर कलाकारों का मजमा, हर स्टेशन के मजमें में नाटक, नृत्य और वहीं पर गाड़ी के डिब्बे में हो रही बातचीत से संबंधित गाने के दृश्य का उभरना और गायकों का वही गीत गाना ऐसा समय बांधता था कि जनता विभोर हो गई।

हर स्टेशन पर अलग वेश-भूषा में चाय वाले का आना, जो उस शहर के कल्चर को बताता था। पूरे यात्री भी उसी वेश-भूषा में होते थे। दर्शकों ने चायवाला के रोल में आमोद सत्संगी, आशिक (राज जुनेजा), भिखारन, बूढ़ी औरत, पंजाबन और पागल लड़की (सुधा ओम ढींगरा) को बहुत पसंद किया।

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गायक और गायिकाओं में रवि कल्मथ, श्रीराम कृष्णास्वामी, प्रशांति श्रीनिवास और भारती जावालकर को बेहद पसद किया गया जबकि अन्य गायक-गायिकाएं दर्शकों की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरें। जैसल अमीन भारतीय मूल की युवा लड़की की इस शो में प्रस्तुति बहुत पसंद की गई। शिडोरी प्रोडक्शन्स का उद्देश्य युवा पीढ़ी को प्रोत्साहित करना भी है।

भारतीय मूल की युवतियां भावना सिंह, अनामिका सत्संगी और करीना जावालकर का नृत्य भी बहुत पसंद किया गया। गाड़ी के डिब्बे में बैठे यात्री अपनी बातचीत से दर्शकों को बांधने में सफल रहे। मुख्य चरित्र कावेरी (निरूपमा सिस्टा), पठान (हरीश अम्बले), मिस्टर अय्यर (रमेश कालाग्नानाम), बलविंदर (बलजीत सिंह), मिस्टर भल्ला (श्रीनिवास जोशी) को उनके स्वाभाविक अभिनय के लिए बहुत सराहा गया |

इस 'रास्ते' शो के द्वारा यह बताने की कोशिश की गई थी कि कैसे-कैसे और किन-किन रास्तों से युवा वर्ग मुंबई फिल्मी दुनिया में किस्मत आजमाने आता है और उनमें से कुछ ही सफल हो पाते हैं। उन्हीं सफल फिल्मी स्टार्स की कहानी थी 'रास्ते' शो में। जिसकी परिकल्पना और निर्देशन किया था- रवि देवराजन, बिंदु सिंह और सुधा ओम ढींगरा ने। स्क्रिप्ट लिखी थी- बिंदु सिंह और सुधा ओम ढींगरा ने।विडियो इंजीनियर थे- राजीव रामराजन, ऑडियो इंजीनियर- शिवा रघुनानन और लाइट इंजीनियर थे- संजय भस्मे। विद्याधर कुलकर्णी, कृष्ण जोशी, ललिता देवराजन ने संगीत संयोजन में सहयोग दिया। भारतीय समुदाय ने जोर-शोर से इस शो में हिस्सा लिया और हॉल खाचा-खचा भरा था।

सुबोध जोशी, मधु मेंदिरत्ता, अशोक मेंदिरत्ता, प्रिया जुनेजा, नीलाक्षी फुकन, मधुर माथुर, ममता बिसारिया, प्रकाश सिस्टा, अंनत सिंह, अर्जुन देवराजन, मेधा देवराजन आदि ने अलग-अलग स्टेशनों पर भिन्न-भिन्न पात्रों को जीवंत किया। संस्कार अकादमी की टीम, शरीष अमीन, गौरंग शाह और शिडोरी प्रोडक्शन्स की टीम के अथक प्रयास से आशा से अधिक धन एकत्रित हुआ।