बुधवार, 11 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. चुनाव 2024
  2. लोकसभा चुनाव 2024
  3. लोकसभा चुनाव समाचार
  4. electoral bonds are not black money clearly visible in the accounts of parties says amit shah
Last Updated :नई दिल्ली , शनिवार, 16 मार्च 2024 (00:19 IST)

'काला धन नहीं चुनावी बॉन्ड, पार्टियों के खातों में दिखता है साफ', गृह मंत्री शाह ने विपक्ष को सुनाई खरी-खरी

'काला धन नहीं चुनावी बॉन्ड, पार्टियों के खातों में दिखता है साफ', गृह मंत्री शाह ने विपक्ष को सुनाई खरी-खरी - electoral bonds are not black money clearly visible in the accounts of parties says amit shah
Lok Sabha Elections 2024: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के प्रति सम्मान प्रदर्शित करते हुए शुक्रवार को कहा कि यह योजना राजनीति में काले धन को खत्म करने के लिए शुरू की गई थी और इसे रद्द करने के बजाय इसमें सुधार किया जाना चाहिए था। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर जवाब दिया है।
 
शाह ने यह भी कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’  भाजपा  और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अवधारणा है और जब यह लागू होगा, तो यह तेजी से विकास सुनिश्चित करेगा और बार-बार होने वाले खर्च को समाप्त करेगा।
शाह ने ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में कहा, ‘‘भारतीय राजनीति में काले धन के प्रभाव को खत्म करने के लिए चुनावी बॉन्ड लाए गए। उच्चतम न्यायालय का फैसला सभी को मानना होगा। मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले का पूरा सम्मान करता हूं, लेकिन मुझे लगता है कि चुनावी बॉन्ड को पूरी तरह खत्म करने की बजाय इसमें सुधार किया जाना चाहिए था।’’
 
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए गृहमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल के नेता राजनीतिक चंदा नकद में लेते थे और 1100 रुपये के चंदे में से 100 रुपये पार्टी के नाम पर जमा करते तथा 1000 रुपये अपनी जेब में रखते थे। उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी ने वर्षों तक इस प्रणाली को चलाया है।’’
 
शाह ने कहा कि यह कहा गया है कि चुनावी बॉन्ड से भाजपा को फायदा हुआ है और राहुल गांधी ने बयान दिया है कि यह सबसे बड़ी जबरन वसूली गतिविधि थी।
गृह मंत्री ने कहा, ‘‘मैं इस बारे में अपना रुख स्पष्ट करना चाहता हूं। कुल 20,000 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड में से भाजपा को लगभग 6,000 करोड़ रुपये मिले। बाकी बॉन्ड कहां गए? टीएमसी को 1,600 करोड़ रुपये मिले, कांग्रेस को 1,400 करोड़ रुपये मिले। बीआरएस को 1,200 करोड़ रुपये, बीजद को 750 करोड़ रुपये और द्रमुक को 639 करोड़ रुपये मिले।’’
 
शाह ने कहा, ‘‘303 सांसद होने के बावजूद हमें 6,000 करोड़ रुपये मिले हैं और बाकियों को 242 सांसदों के बावजूद 14,000 करोड़ रुपये मिले हैं। किस बात को लेकर इतना हंगामा है? मैं कह सकता हूं कि एक बार हिसाब-किताब हो जाने के बाद वे आप सभी का सामना नहीं कर पाएंगे।’’
 
एक राष्ट्र, एक चुनाव के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि देश भर में कई बार चुनाव होने के कारण इसमें बड़ी मात्रा में धन खर्च होता है। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण सरकार की निर्णय लेने की क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और विकास कार्य रुक जाते हैं।
 
बिहार में सीट बंटवारे पर बातचीत के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि अगले एक सप्ताह में सब कुछ तय हो जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सभी एकजुट हैं और इस बार भाजपा के नेतृत्व में राजग बिहार की सभी सीटें जीतेगी।’’
 
दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के चुनाव लड़ने के लिए हाथ मिलाने के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि पिछले दो लोकसभा चुनावों में भाजपा को दिल्ली की सभी सीटों पर 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिले और वह इस बार भी अपना वोट शेयर बढ़ाने जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस बात की जरा भी परवाह नहीं है कि बाकी 49 फीसदी में वे क्या करते हैं।’’ 

पीओके भारत का हिस्सा : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का हिस्सा है और वहां के लोग, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, भारतीय हैं। ‘पीओके भारत का हिस्सा है। पीओके के लोग भी भारतीय हैं, चाहे वे हिंदू हों या मुस्लिम। पीओके के हिंदू और मुस्लिम दोनों हमारे अपने हैं।’’
 
उन्होंने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019 का पुरजोर बचाव करते हुए कहा कि यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए बनाया गया।
 
सीएए लागू किए जाने के समय को लेकर जारी आलोचनाओं को खारिज करते हुए शाह ने कहा कि कानून 2019 में पारित किया गया था और नियम अब जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सीएए का जो विरोध कर रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि यह धर्म पर आधारित है, वही लोग मुस्लिम पर्सनल लॉ जैसे कानूनों का समर्थन करते हैं।
 
गृह मंत्री ने याद दिलाया कि विभाजन के दौरान, प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि पाकिस्तान से आए अल्पसंख्यकों का भारत में स्वागत किया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि विभाजन के समय पाकिस्तान में हिंदू आबादी 23 प्रतिशत थी, जो घटकर अब दो प्रतिशत हो गई है, बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या 22 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत हो गई है और अफगानिस्तान में सिखों की संख्या दो लाख से घटकर मात्र 378 रह गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने कांग्रेस नेताओं द्वारा किया गया वादा पूरा किया।’’
 
सीएए के दायरे से मुसलमानों को बाहर रखने के बारे में पूछे जाने पर, गृहमंत्री ने कहा कि सभी तीन देशों को इस्लामिक राष्ट्र घोषित किया गया है और मुसलमानों को वहां उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ता।
 
उन्होंने कहा, ‘‘सीएए के कारण किसी की नागरिकता नहीं जाएगी। मैं मुस्लिम भाइयों और बहनों से कहूंगा कि वे विपक्ष की बात न सुनें। विपक्ष आपके साथ फिर से केवल राजनीति कर रहा है।’’
 
कब आएगा एनआरसी : राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह चुनाव के बाद इस बारे में बात करेंगे। राहुल गांधी के ओबीसी कल्याण का मुद्दा उठाए जाने संबंधी सवाल पर शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद ओबीसी हैं, लेकिन राहुल गांधी को यह नजर नहीं आता। शाह ने कहा, ‘‘केंद्रीय मंत्रिमंडल में 27 ओबीसी मंत्री हैं, लेकिन वे इसे नहीं देख सकते। राहुल गांधी को नहीं पता कि वह क्या कह रहे हैं।’’
 
पश्चिम बंगाल पर गृहमंत्री ने कहा कि भाजपा वहां 42 में से 25 से अधिक सीट जीतेगी। उन्होंने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार पर पश्चिम बंगाल में तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। भाषा 
ये भी पढ़ें
PM मोदी के कोयंबटूर रोडशो को HC से मिली मंजूरी, प्रशासन ने कर दिया था इनकार