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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012 (14:37 IST)

सेना-सरकार संबंध ‘बेहद चिंताजनक’-आडवाणी

सेना-सरकार संबंध ‘बेहद चिंताजनक’-आडवाणी -
FILE
इस साल जनवरी में सरकार को सूचित किए बिना सेना की दो इकाईयों के दिल्ली कूच करने संबंधी खबरों को ‘बेहद चिंताजनक’ बताते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज कहा, इससे लगता है कि सेना और सरकार के संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुके हैं तथा ये संस्थागत हलकों में विश्वास की कमी की ओर इशारा करते हैं।

आडवाणी ने अपने ब्लॉक में लिखा कि यदि कोई चार अप्रैल की खबर और पांच अप्रैल को प्रकाशित अन्य संबद्ध खबरों को विस्तार से पढ़े तो उसे यह मानना होगा कि यह खबरें बेहद चिंताजनक हैं। उन्होंने भाजपा प्रवक्ता की इस राय से सहमति जताई कि सेना और सरकार के संबंद्ध सर्वकालिक निचले स्तर पर हैं।

आडवाणी के अनुसार कि इससे यह पता चलता है कि इन दिनों संस्थागत हलकों में आपसी विश्वास की किस कदर कमी हो गई है। हालांकि आडवाणी ने इस बात पर राहत जताई कि इंडियन एक्सप्रेस की खबर में खुद ही इस बात का ध्यान रखा गया है कि इस समाचार का कोई गलत मतलब न निकाला जाए।

आडवाणी ने लिखा है कि इस खबर को छापने का मकसद जिज्ञासा से ज्यादा और कुछ नहीं था।

भाजपा नेता ने हालांकि इस मौके पर पूर्व गृह मंत्री बूटा सिंह की आलोचना करते हुए 1989 के एक वाकए को याद किया जब चुनाव में कांग्रेस के हारने और राजीव गांधी के प्रधानमंत्री पद से बेदखल होने के बाद लोकसभा भंग किए जाने से पहले उन्होंने सेना को बुलाने का प्रयास किया था।

आडवाणी ने कहा कि उपराज्यपाल भंडारी इस मामले में खुद को निर्दोष बता सकते हैं, लेकिन तत्कालीन केन्द्रीय गृह मंत्री बूटा सिंह इससे इंकार नहीं कर सकते कि उन्होंने एक कपट जाल के आधार पर सेना को बुलाने की चाल की शुरुआत की थी। उपराज्यपाल की गवाही से यह साबित भी हुआ। (भाषा)