Last Modified: नई दिल्ली ,
बुधवार, 10 अगस्त 2011 (00:05 IST)
संसद की ‘दाढ़ी’ की हिफाजत करें
कांग्रेस की राजनीतिक दलों को चेतावनी
कांग्रेस ने मंगलवार को सभी राजनीतिक दलों को चेतावनी दी कि वे संसद की सर्वोच्चता को बनाए रखें और इसकी ‘दाढ़ी’ कैग और अदालतों के हाथ नहीं जाने दें, अन्यथा एक दिन ऐसा आएगा जब राजनीतिकों को संसद में ताला लगाकर इसकी चाबी इन संस्थाओं को देनी पड़ जाएगी।
राष्ट्रमंडल खेलों के संबंध में खेलमंत्री अजय माकन के एक वक्तव्य पर लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस सदस्य और पार्टी के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कैग को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इसका काम केवल बहीखातों की जांच करना है, नीतियों पर टिप्पणियां करना नहीं।
उन्होंने कहा कि अगर उसे नियुक्तियों और नीतिगत मुद्दों पर टिप्पणियां करने के संविधानेत्तर अधिकार दे दिए गए तो दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ही नहीं, बल्कि गुजरात, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश सहित लगभग अधिकतर राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ेगा, जिनके बारे में कैग ने टिप्पणियां की हैं।
तिवारी ने कहा कि कैग की रिपोर्ट को ‘ब्रह्म-वाक्य’ नहीं माना जा सकता है। अगर ऐसी भूल की गई तो लोक लेखा समिति (पीएसी) का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।
उन्होंने सदन से अपील की कि वह अपनी ‘दाढ़ी’ कैग या अदालतों के हाथ में नहीं आने दें, अन्यथा एक दिन ऐसा आएगा, जब इस सदन में ताला लगाकर इसकी चाबी हमें इन संस्थाओं को सौंपनी पड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि कैग की भूमिका और अधिकार क्षेत्र पर चर्चा करने का समय आ गया है। (भाषा)