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Written By वार्ता

संप्रग की प्रकृति ही टकराव वाली-आडवाणी

संप्रग की प्रकृति ही टकराव वाली-आडवाणी -
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने लोकसभा के मध्यावधि चुनाव की संभावना व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस तथा उसे समर्थन दे रही वाम पार्टियों की नीतियाँ परस्पर विरोधी हैं और उनमें सिर्फ एक ही समानता है कि वे भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय राजग को किसी भी तरह सत्ता से अलग रखना चाहती है।

आडवाणी ने भाजपा में भीष्मपिताम्ह कहे जाने वाले राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कैलाशपति मिश्र की 85वीं वर्षगाँठ के मौके पर आयोजित अभिनंदन समारोह में कहा कि इस वर्ष 15 अगस्त को जब एक विदेशी प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने आया था, तब उन्होंने कहा था कि अगला चुनाव 2009 से पूर्व संभव नहीं है, लेकिन आज वह यह दावे के साथ नहीं कह सकते है।

उन्होंने कहा कि केन्द्र की संप्रग सरकार की प्रकृति ही ऐसी है, जिसमें बिना टकराव के बहुत समय तक कांग्रेस और वाम दल साथ नहीं रह सकते।

भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस और वाम दलों की आर्थिक और वैदेशिक नीति ही अलग नहीं है, बल्कि उनका दृष्टिकोण और दर्शन शैली भी परस्पर विरोधी है। उन्होंने कहा कि इन दोनों दलों में सिर्फ एक ही समानता है कि वह भाजपा और राजग को सत्ता से दूर रखना चाहते हैं।

इस मौके पर उपस्थित बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज के अखबारों के अनुसार केन्द्र की संप्रग सरकार को दशहरा तक के लिए मोहलत मिल गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी सरकार जो मोहलत पर चल रही है और अपनी साँस तथा दिन गिन रही वह जितनी जल्दी चली जाए और लोगों को नई सरकार चुनने का मौका मिले उतना ही देश के लिए अच्छा होगा।

कुमार ने कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ सत्ता में लौटने के लिए एक बेमेल गठबंधन बनाया था और अब यह भी साबित हो गया है कि वह गठबंधन की राजनीति नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि गठबंधन बनाना आसान है, लेकिन उसे चलाना उतना ही कठिन है। अटलबिहारी वाजपेयी ने एक सफल गठबंधन बनाया था और गठबंधन के धर्म को भी निभाया था।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय जनता दल के नेता और रेलमंत्री लालूप्रसाद यादव की ओर से इशारा करते हुए कहा कि संप्रग के जो नेता बहादुर बन रहे थे वही चुनाव से सबसे अधिक घबराए हुए है और वर्द्धन तथा येचुरी का हाथ उठाते चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि बहादुर हैं तो चुनाव लड़े चुनाव के नाम पर उनकी घिग्घी क्यों बंद हो रही है।