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Written By वार्ता

वर्ष 2008 में मध्यावधि चुनाव-आडवाणी

वर्ष 2008 में मध्यावधि चुनाव-आडवाणी -
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रविवार को कहा कि वर्ष 2008 के शुरू में मध्यावधि चुनाव होने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और वामपंथी दलों के बीच कलहपूर्ण विवाह है और भारत-अमेरिका असैनिक परमाणु समझौते पर मतभेद को लेकर जल्दी ही यह गठजोड़ टूट जाएगा।

आडवाणी ने कहा कि मौजूदा सरकार 2009 तक नहीं रहेगी और चुनाव उससे पहले कभी भी हो सकते हैं। वर्ष 2008 के शुरू में मध्यावधि चुनाव होने की प्रबल संभावना है।

उन्होंने कहा कि समय से पहले चुनाव की संभावना के मद्देनजर भाजपा ने दो बैठक की हैं। इन बैठकों में पार्टी की सभी इकाइयों से चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

आडवाणी ने कहा कि कांग्रेस और वामपंथी दलों के बीच अजीब तरह का वाकयुद्ध जारी है। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन असैद्धांतिक और अवसरवादी है। केंद्र में कभी ऐसा गठबंधन नहीं देखा गया। जो कुछ भी हो रहा है उससे सहयोगियों के बीच तलाक अपरिहार्य है। उनका एकमात्र न्यूनतम साझा कार्यक्रम भाजपा विरोध है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि मध्यवाधि चुनाव होने की स्थिति में राजग पुन: सत्ता में लौटेगा। उन्होंने कहा कि गठबंधन धर्म का पालन करने के बजाय दोनों टकराव धर्म का पालन कर रहे हैं। अगर इस टकराव के कारण चुनाव होते हैं तो उन्हें समय से पूर्व चुनाव की जिम्मेदारी लेनी होगी।

उन्होंने कहा कि इससे स्वाभाविक रूप से लोग भी इस निष्कर्ष पर पहुँचेंगे कि न तो कांग्रेस और न ही वामपंथी दलों पर स्थिर और मजबूत सरकार देने के मामले में विश्वास किया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि संप्रग की अवसरवादी विशेषता के कारण ही मौजूदा स्थिति उत्पन्न हुई है।

यह पूछे जाने पर कि परमाणु समझौता मामले में आरएसएस वामपंथी दलों का समर्थन कर रहा है, उन्होंने कहा कि आरएसएस का मत वही है जो भाजपा का है कि करार से देश की संप्रभुता पर असर पड़ेगा और इस पर फिर से बातचीत किए जाने की जरूरत है।

सच्चर समिति की रिपोर्ट के मामले में उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण राष्ट्रीय हित में नहीं है। यह पूरी तरह वोट की राजनीति है।