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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 8 मार्च 2010 (20:21 IST)

राज ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट की नसीहत

कहा- भड़काऊ भाषण देने से बचें

राज ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट की नसीहत -
उच्चतम न्यायालय ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे से सोमवार को कहा कि वे उत्तर भारतीयों को निशाना बनाकर भड़काऊ भाषण देने से बचें। इसको लेकर राज के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

प्रधान न्यायाधीश केजी बालकृष्णन और न्यायमूर्ति बीएस चौहान की पीठ ने कहा कि यह (आपराधिक मामलों का दायर किया जाना) आपके खिलाफ जारी रहेगा। क्यों नहीं आप इस तरह का कृत्य बंद कर देते हैं। आप इस तरह का बयान दिए चले जा रहे हैं।

पीठ ने यह टिप्पणी राज की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान की। इस याचिका में राज ने अपने खिलाफ मध्यप्रदेश, बिहार और झारखंड में दायर तीन मामलों को राष्ट्रीय राजधानी में स्थानांतरित करने की माँग की थी।

मनसे प्रमुख के खिलाफ शिकायतें दायर करने वाले लोगों को नोटिस जारी करते हुए पीठ ने कहा कि इस बात की क्या गारंटी है कि भविष्य में आप इस तरह का बयान नहीं देंगे।

मध्यप्रदेश के मंदसौर में दायर मामला कथित तौर पर राज के इशारे पर महाराष्ट्र विधानसभा में समाजवादी पार्टी विधायक अबू आजमी को मनसे विधायकों द्वारा चाँटा मारने से संबंधित है। राज के खिलाफ दो अन्य मामले उत्तर भारतीयों के खिलाफ उनके कथित तौर पर भड़काऊ बयान देने से जुड़े हुए हैं। इनमें से एक मामला बिहार के औरंगाबाद में दायर है तो दूसरा मामला झारखंड के जमशेदपुर में दायर किया गया है।

मनसे प्रमुख की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व के आदेश का हवाला दिया। इसके तहत देश के विभिन्न हिस्सों में राज के खिलाफ दायर मामलों को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया था।

शीर्ष अदालत ने गत आठ जनवरी को राज के खिलाफ झारखंड और बिहार में दर्ज सात मामलों को दिल्ली की तीस हजारी अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। (भाषा)