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Written By WD

महिलाओं की फौज 'अहिंसा मैसेंजर' तैयार

-वर्तिका नंदा

महिलाओं की फौज ''अहिंसा मैसेंजर'' तैयार -
वर्तिका नंदा
नई दिल्ली। महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध की पृष्ठभूमि में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को कहा कि उनके सशक्तीकरण के लिए कानून बनाना ही काफी नहीं है, बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर उचित ढंग से लागू करना भी जरूरी है

सोनिया ने 'अहिंसा मैसेंजर स्कीम' के शुभांरभ के अवसर पर एक सभा में कहा कि हम महसूस करते हैं कि बस कानून बना देना एवं नीतियां घोषित कर देना ही महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए काफी नहीं होगा बल्कि इसके साथ ही नीतियों एवं कानूनों को जमीनी स्तर पर उचित ढंग से लागू भी करना होगा। इस योजना के तहत महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए स्वयंसेवक तैयार किए जाएंगे।

पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि हमें महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा खत्म करनी चाहिए और ऐसे सभी कदम उठाने चाहिए जिससे महिलाएं सुरक्षित महसूस कर सकें, बेखौफ बनें, सशक्त बनें तथा उन्हें सम्मान प्राप्त हो। कांग्रेस अध्यक्ष की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि हो रही है।

महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए 'सामाजिक क्रांति' शुरू करने की अपील करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सबसे मूलभूत मुद्दा यह है कि हमारे समाज की मानसिकता एवं पुरानी सोच बदलनी चाहिए। पुरुषों की तरह ही महिलाओं को भी समान अधिकार देना एक बड़ी चुनौती है और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव की दीवार गिरनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे बच्चों के सामाजिक दृष्टिकोण का निर्माण अपने घरों की चारदीवारी के भीतर होता है। परिवार में लड़की को उसके भाई के समान ही दर्जा दिया जाना चाहिए। परिवार में लड़कियों को भी शिक्षा, विकास एवं सशक्तीकरण का अधिकार है जैसा कि लड़के को होता है।

क्या बोलीं कृष्णा तीरथ... अगले पन्ने पर...


वर्तिका नंदा
महिला और बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ ने कहा ‍कि वे ही महिलाएं सोसाइटी के विकास में योगदान करती हैं जो मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हैं तथा शिक्षित हैं।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की अवधारणा अक्टूबर 2009 में बनी थी। इस कार्यक्रम के तहत एक करोड़ सबला लड़कियों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।

महिला एवं बाल कल्‍याण मंत्रालय की 'अहिंसा दूत स्कीम' का उद्देश्य महिलाओं तथा बच्चों के खिलाफ हिंसा रोकना और उनमें अपने अधिकारों के प्रति चेतना पैदा करना है। योजना के तहत महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वयंसेवक तैयार किए जाएंगे। योजना को आंगनवाड़ियों, पंचायतीराज संस्थाओं आदि के माध्यम से लागू किया जाएगा।

इस अवसर पर महिला और बाल विकास सचिव नीता चौधरी, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, सबला कार्यक्रम के तहत ट्रेंड कई सबला लड़कियां और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वर्तिका नंदा ने किया।