शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. समाचार
  4. »
  5. राष्ट्रीय
Written By भाषा
Last Modified: चेन्नई , रविवार, 16 दिसंबर 2012 (18:12 IST)

मनमोहन हकीकत से वाकिफ नहीं-भाजपा

मनमोहन हकीकत से वाकिफ नहीं-भाजपा -
भाजपा ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की उस टिप्पणी की आलोचना की है जिसके तहत उन्होंने कहा था कि खुदरा कारोबार में एफडीआई का विरोध करने वाले हकीकत से वाकिफ नहीं हैं।

भाजपा ने प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी पर कहा है कि विपक्ष नहीं, बल्कि संप्रग सरकार और कांग्रेस पार्टी हकीकत से वाकिफ नहीं है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केरल में कांग्रेस नीत सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध किया है और संप्रग के घटक दल राकांपा ने भी एफडीआई का विरोध करते हुए कहा है कि वह परामर्श करने के बाद महाराष्ट्र में एफडीआई लागू करने के बारे में कोई फैसला करेगी।

उन्होंने कहा कि संप्रग के सहयोगी दल द्रमुक ने एफडीआई के खिलाफ भारत बंद का समर्थन किया था और इसे ‘प्रत्यक्ष विदेशी हस्तक्षेप’ बताया था। समाजवादी पार्टी ने खुदरा कारोबार में एफडीआई को ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ को फिर से न्योता दिया जाने का कदम करार दिया।

सपा ने खुदरा कारोबार में एफडीआई को अपने राज्य में लागू नहीं करने की भी बात कही। संप्रग को बाहर से समर्थन दे रहे एक अन्य सहयोगी दल बसपा ने न सिर्फ एफडीआई को स्थगित करने की मांग की बल्कि इससे जुड़े निर्णय को पूरी तरह से वापस लेने की भी मांग की।

वेंकैया ने कहा कि श्रीमान प्रधानमंत्री, आपके कहने का यह मतलब तो नहीं कि केरल में आपकी सरकार और आपकी सहयोगी पार्टियां हकीकत से वाकिफ नहीं हैं? उन्होंने कहा कि कौन हकीकत से वाकिफ नहीं है और लोग किसे नजरअंदाज करते हैं इसका पता तो उसी वक्त चलेगा, जब लोगों को इसके लिए एक मौका मिलेगा।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने फिक्की की सालाना आम बैठक में अपने विरोधियों की आलोचना करते हुए एफडीआई के मुद्दे पर कहा कि या तो वे लोग वैश्विक हकीकतों से वाकिफ नहीं हैं या उनकी विचारधाराएं पुरानी पड़ गई हैं।

नायडू ने शुरू में एफडीआई का विरोध करने और बाद में संसद में इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन कर डालने वाली पार्टियों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इन पार्टियों की यह दलील हास्यास्पद है कि वे भाजपा के साथ खड़े नहीं होना नहीं चाहते। द्रमुक और बसपा दोनों ने उनकी पार्टी के साथ सत्ता में साझेदारी की है उसके नेतृत्व में काम किया है।

उन्होंने कहा कि भाजपा की मांग एफडीआई वापस लेने की थी और सरकार से इस्तीफा नहीं मांगा गया था। इस तरह भाजपा के बारे में कुछ क्षेत्रीय पार्टियों की दलील हास्यास्पद है। (भाषा)