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Written By भाषा
Last Modified: बेंगलुरु (भाषा) , रविवार, 12 अक्टूबर 2008 (16:31 IST)

भारत-चीन में अंतरिक्ष होड़ नहीं-नायर

चंद्रयान-एक को लेकर उत्साहित हैं इसरो प्रमुख

भारत-चीन में अंतरिक्ष होड़ नहीं-नायर -
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष जी. माधवन नायर इस धारणा से इत्तेफाक नहीं रखते कि भारत का अब तक का सर्वाधिक महत्वाकांक्षी अभियान चंद्रयान-एक चीन के साथ अंतरिक्ष होड़ का परिचायक है। उनके मुताबिक दोनों देशों की जरूरतें अलग-अलग हैं, लिहाजा प्रतिस्पर्धा जैसी कोई चीज नहीं है

एक साक्षात्कार में इसरो प्रमुख ने कहा हमारी प्राथमिकताएँ अंतरिक्ष संपदा पर आधारित सामाजिक सेवाएँ सुलभ कराना रही हैं। हम भू-अवलोकन तथा संचार के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इन अभियानों के लिए उपयुक्त प्रक्षेपण यान विकसित किए जा चुके हैं। इस तरह हमने राष्ट्रीय विकास के लिए जरूरी प्रौद्योगिकियाँ और प्रणालियाँ विकसित की हैं।

माधवन ने कहा ऐसे में जबकि हमारे पास कुछ राहत का वक्त है, हम ग्रहीय खोज तथा अगले दशकों में संभव गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम अब मानव को अंतरिक्ष में भेजने जैसे कार्यक्रमों पर गौर कर रहे हैं।

उन्होंने कहा चीन का प्रमुख वर्चस्व आज मानव भेजने वाले अभियानों मेंहै। कुछ क्षेत्रों में हम आगे हैं और कुछ में चीन, लेकिन दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा जैसी कोई चीज नहीं है। हमें इस बात की प्रसन्नता है कि हम कम संसाधनों से राष्ट्रीय जरूरतें पूरी करने में सक्षम हो सके।

उन्होंने कहा एशियाई क्षेत्र में चीन और भारत अंतरिक्ष शक्तियों के रूप में उभर रहे हैं। यह पूछने पर कि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में चंद्रयान को वे किस रूप में देखते हैं, माधवन ने कहा भारत ने ग्रहीय खोजों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग का अच्छा उदाहरण पेश किया है।

गौरतलब है कि चंद्रमा के लिए भारत का पहला मानवरहित अभियान 'चंद्रयान'-एक इस माह 22 तारीख को रवाना होगा। भारत ने सन् 2013 में मंगल पर अभियान भेजने तथा 2015 तक मानव को अंतरिक्ष में भेजने की भी योजना बनाई है। दूसरी ओर चीन ने सन् 2003 में मानव को लेकर एक अंतरिक्ष यान भेजा, जबकि पिछले साल अक्टूबर में चंद्रमा के लिए एक उपग्रह भेजा।