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Written By भाषा

भाजपा झारखंड में सरकार बनाएगी

भाजपा झारखंड में सरकार बनाएगी -
झारखंड में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करते हुए भाजपा ने सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी दल झामुमो और आजसू के समर्थन से एक नई गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने का फैसला किया है।

भाजपा महासचिव अनंत कुमार ने नई दिल्ली में एक बैठक में किए गए फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि भाजपा राज्य विधानसभा के शेष साढ़े चार साल के कार्यकाल के लिए सरकार का नेतृत्व करेगी। हालाँकि झामुमो ने इससे पहले भाजपा के साथ बारी-बारी से मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने की पेशकश की थी।

भाजपा संसदीय बोर्ड अपने मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के नाम पर विचार करने के लिए सोमवार को एक बैठक करेगी। हालाँकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन मुख्यमंत्री के पद से कब इस्तीफा देंगे।

यह संकट उस वक्त शुरू हुआ, जब भाजपा ने 28 अप्रैल को झामुमो से समर्थन वापस लेने का फैसला किया। हालाँकि इस फैसले को रोककर रखा गया था। इसके एक दिन पहले ही राज्य के मुख्यमंत्री और सांसद शिबू सोरेन ने लोकसभा में भाजपा की ओर से लाए गए कटौती प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया था।

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा महासचिव अजुर्न मुंडा, उपमुख्यमंत्री रघुवर दास और परिवहन मंत्री नीलकांतसिंह मुंडा राज्य के आठवें मुख्यमंत्री के लिए संभावित उम्मीदवार बताए जा रहे हैं। इस बैठक मे भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी, अनंत कुमार, झारखंड के उपमुख्यमंत्री रघुवर दास, झामुमो विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन और आजसू अध्यक्ष सुदेश महतो शामिल हुए।

हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ हमारी बैठक सार्थक रही। हम झारखंड में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करेंगे। यह फैसला राज्य को राष्ट्रपति शासन से बचाने के लिए किया गया है।

अनंत कुमार ने बताया कि झारखंड में भाजना के नेतृत्व में राजग की सरकार बनेगी। हम राज्य को कांग्रेस के कुशासन से बचाना चाहते हैं। विकास के लिए प्रतिबद्ध एक स्थायी सरकार का गठन किया जाएगा। कुमार ने जोर देते हुए कहा कि वार्ता का अंत अच्छा रहा। राज्य में भाजपा के नेतृत्व में यह तीसरी सरकार होगी।

झामुमो चाहता है कि कोई आदिवासी ही राज्य का अगला मुख्यमंत्री बने और यह वक्त कथित तौर पर मुंडा के पक्ष में नहीं है, जो आदिवासी नेता हैं। सिन्हा और दास गैर आदिवासी हैं। सरकार चलाने के लिए जल्द ही एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। गडकरी इस मुद्दे पर भाजपा, झामुमो और आजसू तथा राज्य के जदयू नेताओं से चर्चा करने के लिए एक पर्यवेक्षक को राँची भेज रहे हैं।

गौरतलब है कि हेमंत की ओर से भाजपा को राज्य की सरकार का नेतृत्व करने की पेशकश किए जाने के बाद भाजपा ने अपने फैसले को रोक रखा रखा था। झामुमो ने शिबू के कदम पर अफसोस जताया था और दावा किया था कि यह गलती से हो गया और इसके लिए उसे खेद है।

झारखंड के 82 सदस्यीय विधानसभा में इस नए गठबंधन के 45 सदस्य हैं। झामुमो और भाजपा के 18-18 विधायक हैं, आजसू के पाँच और जदयू के दो विधायक हैं। इनके साथ दो निर्दलीय विधायक भी हैं। बहरहाल, यह भी खबर है कि झामुमो के कुछ विधायक इस नए समझौते से खुश नहीं हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व को विश्वास है कि वह उन्हें मना लेगी। (भाषा)