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Written By भाषा

बेनी को मुलायम से जान को खतरा

बेनी को मुलायम से जान को खतरा -
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नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री बेनीप्रसाद वर्मा ने उत्तरप्रदेश में सांप्रदायिक दंगों के लिए सपा नेता मुलायम सिंह यादव पर आज हमला बोला। साथ ही उन्होंने अपनी जान को खतरा होने का दावा किया क्योंकि वह एकमात्र कांग्रेसी नेता हैं जो मुलायम के खिलाफ बोल रहे हैं।

उन्होंने उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा पर रोक लगाने के लिए केंद्र से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और सपा नेताओं के बीच साठगांठ से इसे भड़काया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कुछ नेता समाजवादी पार्टी से मिल गए हैं।

उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश जल रहा है। भाजपा और सपा ने हाथ मिला लिया है। केंद्र क्या कर रहा है। मुलायम सिंह यादव किसी भी वक्त मेरी हत्या करा सकते हैं। मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मेरे सिवाय कांग्रेस का कोई नेता नहीं बोल रहा है। मुलायम के पूर्व मित्र और साथी रह चुके वर्मा यादव पर पिछले कुछ महीने से हमला बोल रहे हैं और कांग्रेस को परेशानी में डाल रहे हैं क्योंकि समाजवादी पार्टी बाहर से संप्रग का समर्थन कर रही है।

उन्होंने इससे पहले यह कहकर विवाद पैदा कर दिया था कि सपा प्रमुख प्रधानमंत्री के आवास में झाड़ू लगाने के लायक भी नहीं हैं। इस पर पार्टी ने उन्हें फटकार लगाई थी।

उत्तर प्रदेश में हिंसा को रोकने के लिए कांग्रेस से अपनी जिम्मेदारी निभाने को कहते हुए वर्मा ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में कुछ कांग्रेस नेताओं को भी सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी ने फिक्स कर लिया है लेकिन उन्होंने किसी का भी नाम लेने से इंकार कर दिया। वर्मा ने कहा, मैं उनका नाम नहीं लूंगा।

सोनिया गांधी ने भी कहा है कि कांग्रेस ही कांग्रेस को हराती है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए अन्यथा अगर उत्तर प्रदेश नष्ट होता है तो वह इससे नहीं बच सकती।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय इस्पात मंत्री ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद अब मेरठ में भाजपा और सपा का संयुक्त प्रायोजित अभियान है। उन्होंने कहा, अन्यथा प्रशासन के निषेधाज्ञा लगाने के बावजूद 20 हजार लोगों की भीड़ कैसे जमा हो सकती है।

मुजफ्फरनगर दंगों के सिलसिले में भाजपा विधायक संगीत सोम के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाने के विरोध में मेरठ में आयोजित महापंचायत के दौरान झड़प में 20 लोग घायल हो गए थे।

वर्मा ने आरोप लगाया कि मुलायम सिंह और भाजपा की साठगांठ के बिना हिंसा संभव नहीं है। इसे उकसाने के लिए महाराष्ट्र और गुजरात से लोगों को लाया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुलायम सिंह ने इससे पहले बाबरी मस्जिद के विध्वंस के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से सांठगांठ की थी और गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए चुनाव में नरेंद्र मोदी की जीत में मदद की थी।

उन्होंने कहा कि सपा ने गुजरात में अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में अपने उम्मीदवार उतारे थे ताकि धर्मनिरपेक्ष मतों का विभाजन हो और चुनाव जीतने में मोदी की मदद की।

वर्मा ने कहा, सपा कांग्रेस के साथ सहज नहीं है लेकिन अगर भाजपा दिल्ली (केंद्र) में सत्ता में आ जाती है तो उसे कोई समस्या नहीं है और वे लखनऊ में बने रहेंगे। वह (सपा) चाहती है कि भाजपा दिल्ली जीते।

वर्मा ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद और पूर्व स्वास्थ्य राज्यमंत्री तथा राज्यसभा सदस्य रशीद मसूद की किस्मत के बारे में चिंता किए बिना राजनीति को अपराध मुक्त बनाने के लिए कदम उठाए हैं।

राहुल ने दोषी सांसदों को बचाने वाले विवादास्पद अध्यादेश को पूरी तरह बकवास बताते हुए कहा था कि इसे फाड़कर फेंक दिया जाना चाहिए। (भाषा)