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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 15 फ़रवरी 2011 (17:34 IST)

पीएफ पर मिलेगा 9.5 फीसदी ब्याज

वित्त मंत्रालय से जल्द मिलेगी अनुमति-चतुर्वेदी

पीएफ पर मिलेगा 9.5 फीसदी ब्याज -
श्रम मंत्रालय ने मंगलवार को उम्मीद जताई है कि कर्मचारी भविष्य निधि कोष पर वर्ष 2010-11 के दौरान 9.5 प्रतिशत ब्याज भुगतान को वित्त मंत्रालय की अनुमति जल्द मिल जाएगी।

श्रम सचिव पीसी चतुर्वेदी ने आज कहा कि हमें वित्त मंत्रालय से 9.5 प्रतिशत ब्याज अदायगी पर उनकी सहमति 31 मार्च 2011 से पहले किसी भी समय मिलने की उम्मीद है। चतुर्वेदी यहाँ कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की शीर्ष नीति निर्धारण संस्था केन्द्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक से पहले से बातचीत कर रहे थे।

श्रम मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाले केन्द्रीय न्यासी बोर्ड ने हालाँकि पहले ही यह तय कर लिया है कि वर्ष 2010-11 के लिए भविष्य निधि जमा पर 9.5 की दर से ब्याज देय होगा, लेकिन वित्त मंत्रालय ने इस पर आपत्ति जताई थी।

ऊँची ब्याज दर को लेकर श्रम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच खींचतान के बारे में पूछे जाने पर चतुर्वेदी ने जवाब दिया कि इसे दोनों मंत्रालय के बीच केवल विचार विमर्श के रुप में लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय के विचारों को केन्द्रीय न्यासी बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा। हालाँकि उन्होंने स्पष्ट किया कि न्यास के निर्णय को सरकार ने हमेशा स्वीकार किया है।

ईपीएफओ सूत्रों ने कहा कि यदि फैसला नहीं होता है तो दोनों मंत्रालय इस मुद्दे को अनौपचारिक तौर पर प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के समक्ष उठा सकते हैं।

केन्द्रीय न्यासी बोर्ड ने अपने 4.71 करोड़ खाताधारकों के लिए 9.5 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया। वर्ष 2005-06 से इन खातों पर 8.5 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया जा रहा था पर इस बार उसने कोष में 1731.57 करोड़ रुपए बिना दावे की राशि का पता लगने का दावा करते हुए दर बढ़ाने का निर्णय किया है।

ईपीएफओ न्यासी बोर्ड के इस निर्णय से वित्त मंत्रालय संतुष्ट नहीं है। उसका मानना था कि ईपीएफओ के पास वास्तव में कोई अधिशेष राशि नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि संगठन ने अपने सभी ग्राहकों के खातों में ब्याज नहीं डाला है इसलिए अतिरिक्त राशि बची है। वित्त मंत्रालय की आपत्ति नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के आधार पर है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ईपीएफओ के पास कोई अधिशेष राशि नहीं है।

बहरहाल, वित्त मंत्रालय को केन्द्रीय न्यासी बोर्ड के ब्याज बढ़ाने के निर्णय पर अपनी संस्तुति देनी है और उसे अधिसूचित करना है ताकि इस प्रकार की भविष्य निधि जमा पर कर छूट लागू की जा सके। (भाषा)