Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) ,
रविवार, 17 फ़रवरी 2008 (17:45 IST)
पहली स्कोर्पियन पनडुब्बी 2012 में
ब्रह्मोस को भी फिट किया जा सकेगा
निकट भविष्य में स्कोर्पियन पनडुब्बी पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल को फिट किया जा सकेगा और इससे भारतीय नौसेना की सामरिक मारक क्षमता में इजाफा होने की संभावना है।
फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस ने आज ऐलान कियायदि भारत चाहता है तो ब्रह्मोस कूज मिसाइल को स्कोर्पियन पर लगाया जा सकता है, जो तकनीकी हस्तांतरण के तहत मझगांव गोदी पर निर्माणाधीन है।
डीसीएनएस के प्रोजेक्ट निदेशक जेवियर मार्शल ने भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित रक्षा प्रदर्शनी में संवाददाताओं को यह जानकारी दी। डीसीएनएस पनडुब्बी का निर्माण कर रही है।
उन्होंने कहा कि यदि भारत इस परियोजना को हरी झंडी दिखाता है तो इससे नौसेना की क्षमता में इजाफा होगा और इससे उसके पास पनडुब्बी से मिसाइल दागने का दूसरा विकल्प होगा। नौसेना ने हाल ही में रूसी किलो श्रेणी की पनडुब्बी का उन्नयन किया है जिस पर तट से दागी जाने वाली मिसाइलें लगाई गई हैं।
डीसीएनएस के कार्यकारी उपाध्यक्ष तथा प्रमुख संचालन अधिकारी बर्नार्ड प्लांसेज ने भी बताया कि प्रभावी तकनीकी हस्तांतरण में आने वाली समस्याओं का ध्यान रखा गया है तथा भारतीय नौसेना की छह स्कोर्पियन पनडुब्बियों में से एक 2012 तक तैयार हो जाएगी।
प्लांसेज ने बताया पहली पनडुब्बी वर्ष 2012 में तैयार हो जाएगी तथा बाकी पाँच पनडुब्बियाँ भी प्रति वर्ष एक की दर से तैयार की जाएँगी। उनके इस बयान को एक बड़ा आश्वासन माना जा रहा है क्योंकि इस परियोजना में पहले ही एक साल की देरी हो चुकी है।
उन्होंने कहा मैंने हाल ही में मुंबई की मझगाँव गोदी पर कार्य की प्रगति की समीक्षा की है, जहाँ पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है। सब कुछ सही चल रहा है। मुझे विश्वास है कि हम निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पनडुब्बियों की आपूर्ति कर सकेंगे।