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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 6 दिसंबर 2010 (22:11 IST)

नियति के दर्द पर डॉक्टरों का मरहम

नियति के दर्द पर डॉक्टरों का मरहम -
नई दिल्ली। जिंदगी किस मोड़ पर कैसा खेल खेलेगी यह कोई नहीं जानता है। इसके प्रत्यक्ष उदाहरण हैं इराक निवासी रियाद एन अबेद। अबेद की जिंदगी में जब शायद सबसे खुशनुमा पल आने वाला था तभी नियति ने उनके साथ क्रूर मजाक किया।

एक माल गोदाम में बतौर सुपरवाइजर काम करने वाले अबेद के निकाह में जब कुछ ही घंटों का समय बचा था तो उनके मालिक ने उन्हें काम पर बुलाया। जब वे वहाँ पहुँचे तो 1000 किलो का लोहे का एक खंभा उनके बाएँ पैर पर आ गिरा और उनका पैर पूरी तरह बेकार हो गया। उनकी जिंदगी में एक तरह से अँधेरा छा गया।

लेकिन भारत के डॉक्टरों ने अबेद के चेहरे पर वापस मुस्कान ला दी है। दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल के छह डॉक्टरों के एक समूह ने 10 घंटे का समय लेकर उनके बर्बाद हो गए पैर को फिर से ठीक कर दिया। इसके लिए डॉक्टरों ने अबेद के शरीर के ऊपरी हिस्से के माँस का उपयोग किया।

अस्पताल में प्लास्टिक और कॉस्मेटिक सर्जरी की वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर रश्मि तनेजा ने कहा कि उनके पैर की हड्डियों में अनेक टूट-फूट और संक्रमण के बावजूद उनका इलाज पूरी तरह सफल रहा है और वे अब पहले की भाँति अपने पैरों पर खड़े हो पाएँगे। (भाषा)