चुनिंदा आतंकी ठिकानों पर हमला संभव
छोटे से नोटिस पर कर सकते हैं कार्रवाई-कपूर
मुंबई पर आतंकवादी हमलों के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी बुनियादी ढाँचों के खिलाफ चुनिंदा और सटीक हमले के बहुचर्चित विकल्प के परिप्रेक्ष्य में सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर ने कहा है कि इस तरह के हमले सैन्य रूप से संभव हैं।कपूर ने विशेष साक्षात्कार में कहा कि चुनिंदा लक्ष्यों पर हमला करना (सर्जिकल स्ट्राइक) निश्चित रूप से संभव है, लेकिन यह एक अलग मुद्दा है कि क्या आप यह फैसला करना चाहते हैं या नहीं।कपूर ने कहा आप इसे आकाश से या तोपखाने से या अन्य माध्यमों से या भौतिक रूप से वहाँ रहकर सकते हैं। सेना प्रमुख से जब पूछा गया कि अगर राजनीतिक नेतृत्व सर्जिकल स्ट्राइक की इजाजत दे दे तो क्या सशस्त्र बल इस तरह के हमलों के लिए तैयार हैं, उन्होंने कहा हम ऐसी सेना हैं, जो अनवरत आधार पर और जारी आधार पर कश्मीर और उत्तरी कमान में अनेक ऑपरेशन में लगे हैं।कपूर ने कहा इसलिए नहीं तैयार रहने का सवाल ही नहीं उठता। हम अपना कार्यभार पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सेना प्रमुख ने उन अटकलों को भी विराम दिया कि जब प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह पिछले माह दिल के ऑपरेशन के लिए अस्पताल में भर्ती थे तो परमाणु कमान को लेकर स्पष्टता नहीं थी।कपूर ने कहा हाँ मैं कह सकता हूँ कि जहाँ तक हमारा संबंध है, इस तरह की चीजें मीडिया में कभी-कभी आती रहती हैं और सामान्य रूप से आप पाएँगे कि प्रधानमंत्री इसके बारे में बातें नहीं करते, लेकिन जहाँ तक हमारा संबंध है, बहुत स्पष्टता थी। वहाँ कोई भ्रम नहीं था।क्या वे स्पष्ट थे कि किसके पास परमाणु बटन का नियंत्रण था, उन्होंने कहा हाँ वहाँ जरा भी भ्रम नहीं था। मुंबई आतंकवादी हमले के बाद टकराव जैसी स्थिति के उभरने के पश्चिम के अंदेशों के बारे में जनरल कपूर ने कहा पिछले कुछ हफ्तों के दौरान ऐसा प्रतीत होता है कि मुंबई हमलों में पाकिस्तानी सरजमीं पर मौजूद संगठनों की संलिप्तता के यथार्थ को पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठान रफ्ता-रफ्ता स्वीकार कर रहा है।कपूर ने कहा भारत सरकार ने अब तक जो शांतिपूर्ण कूटनीतिक रास्ता अपनाया है, उसने आतंकवादी बुनियादी ढाँचों के खिलाफ कार्रवाई करने में प्रेरणा प्रदान की है और दोषियों को इंसाफ के कटघरे में लाने में मदद की है।सेना प्रमुख ने कहा कि मौजूदा और उभरते परिदृश्य में सैन्य बल अपने जनादेश के अनुरूप देश के राजनीतिक नेतृत्व की ओर से तय की गई कार्ययोजना को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा मुंबई हमलों के बाद सीमा पर अतिरिक्त बलों की कोई तैनाती नहीं नहीं हुई। हम अधिकतम चौकसी बरत रहे हैं और हालात पर निकट से निगरानी कर रहे हैं। हमारी मौजूदा मुद्रा हमें छोटे नोटिस पर पूर्ण ऑपरेशनल तैयारी पाने की अनुमति देती है।सेना प्रमुख से जब पूछा गया कि पिछले साल काबुल में भारतीय दूतावास पर हमले के परिप्रेक्ष्य में क्या भारतीय संपत्तियों की रक्षा करने के लिए विदेशों में विशेषज्ञता प्राप्त सैनिकों की तैनाती की कोई योजना है, उन्होंने कहा फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है। बहरहाल उभरते सुरक्षा माहौल और सरकार का फैसला भविष्य में ऐसी किसी तैनाती का निर्धारण करेंगे।