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Written By भाषा

कुलदीप नैयर के कथन पर उठी आपत्ति

कुलदीप नैयर के कथन पर उठी आपत्ति -
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पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री का कहना है कि उनके पिता कभी सत्ता के लिए लालायित नहीं रहे। उन्होंने प्रसिद्ध प्रत्रकार कुलदीप नैयर की आत्मकथा में की गई उस टिप्पणी पर आपत्ति जताई है कि लालबहादुर शास्त्री जवाहरलाल नेहरू के बाद देश का प्रधानमंत्री बनने के इच्छुक थे।

अनिल शास्त्री ने कहा कि यह कहना गलत है कि लालबहादुर शास्त्री की जवाहरलाल नेहरू के बाद देश का प्रधानमंत्री बनने की कभी महत्वाकांक्षा थी। वे कभी सत्ता के लिए लालायित नहीं थे। मैं पुस्तक में नैयर के दावे पर आपत्ति जताता हूं कि मेरे पिता ने उनसे कहा था कि वे इतने साधु नहीं हैं और यह भी कि कौन भारत का प्रधानमंत्री बनना नहीं चाहेगा।

नैयर ने अपनी हाल में प्रकाशित आत्मकथा ‘बियांड द लाइंस’ में लिखा है कि शास्त्री ने उनसे कहा था कि वे उतने साधु नहीं हैं, जितना कि आप मेरे बारे में कल्पना करते हैं। कौन भारत का प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहेगा। यह बात न्होंने तब कही थी, जब नैयर ने उनसे कहा था कि लोग यह सोचते हैं कि शास्त्री नेहरू के इतने पक्के अनुयायी हैं कि वे खुद नेहरू की मृत्यु के बाद इंदिरा गांधी के नाम का प्रस्ताव करेंगे।

अनिल शास्त्री ने कहा कि पुस्तक के अंशों से ऐसा लगता कि उनके पिता नहीं चाहते थे कि इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनें, जबकि सचाई यह है कि वे उनसे मिलने वाले और प्रधानमंत्री पद के लिए उनका नाम प्रस्तावित करने वाले पहले व्यक्ति थे।

अनिल शास्त्री ने कहा, लालबहादुर शास्त्री अपने आपको नेहरू का अनुयायी मानते थे। उनमें इंदिरा के प्रति गहरा सम्मान और आदर था। वास्तव में एक बार इंदिरा गांधी ने लिखा था कि वे उनके (शास्त्री) कारण ही राजनीति में आई थीं। (भाषा)