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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 8 मार्च 2012 (00:45 IST)

काम के बोझ की मारी भारतीय नारी

काम के बोझ की मारी भारतीय नारी -
महिला दिवस की पूर्व संध्या पर उद्योग मंडल एसोचैम द्वारा जारी एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि ज्यादातर कामकाजी महिलाएं कम पगार व अत्यधिक काम के दबाव के चलते अपनी नौकरी को लेकर संतुष्ट नहीं हैं।

सर्वेक्षण में पाया गया कि 60 प्रतिशत से अधिक कामकाजी महिलाएं किसी न किसी तरह करियर संकट से जूझ रही हैं।

सर्वेक्षण में कहा गया ‍है कि 40 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने कहा कि नौकरी में उनसे जरूरत से अधिक अपेक्षा की जाती है और काम का बोझ अधिक है, जबकि 35 प्रतिशत से अधिक महिलाओं का मानना है कि दफ्तर आने-जाने में लगने वाला लंबा समय उनके लिए एक बड़ी समस्या है।

उद्योग मंडल ने आईटी, वित्त, अनुसंधान, अभियांत्रिकी और आवगभत जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत 30 से 50 वर्ष की आयु की करीब 2,600 महिलाओं के बीच यह सर्वेक्षण कराया है।

सर्वेक्षण में पाया गया कि कई महिलाओं में चिड़चिड़ापन के लक्षण देखे गए, जिसके परिणामस्वरूप इनमें से आधे से अधिक महिलाओं ने नौकरी बदल दी। (भाषा)