इस तरह से बचाव कर रहे हैं आसाराम...
नाबालिग से यौन शोषण के आरोप में जोधपुर जेल में बंद कथाकार आसाराम बापू की जमानत पर 20 जनवरी को सुनवाई होना है। आसाराम अपनी जमानत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। बुधवार को आसाराम के समर्थकों ने वकीलों को पीटा। वकीलों ने समर्थकों के खिलाफ पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी है। आसाराम ने अपने बचाव का तरीका खोज लिया है और एक ओर आश्रम का एक पुराना मामला आसाराम की मुसीबत बढ़ा सकता है। आसाराम और नारायण साईं जेल में हैं और आश्रम प्रबंधन पत्रिका के माध्यम से अनुनायियों में अपने गुरु के प्रति विश्वास रखने के जतन करवा रहा है।
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एक करोड़ अनुयायियों वाले आसाराम ने अपने आश्रम के मुखपत्र ऋषि प्रसाद को अपने बचाव का आधार बनाया है। जहां अब तक के इस मुख पत्र में सिर्फ आसाराम और नारायण साईं के प्रवचनों और अन्य सामग्रियां रहती थीं, वहीं दिसंबर के अंक में धर्माचार्यों पर मामलों और उनकी जीत के बारे में अनुयायियों को बताया गया है, ताकि आसाराम के समर्थकों का विश्वास बना रहे। आश्रम प्रबंधन इस पत्रिका को फ्री में अनुयायियों को बंटवा रहा है। इसके अलावा इस पूरे मामले में मीडिया की एकतरफा रवैया अपनाने का आरोप भी इस पत्रिका में लगाया गया है। पत्रिका में धार्मिक नेताओं और धर्माचार्यों के आसाराम के समर्थन में दिए गए वक्तव्य भी दिए गए हैं।सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें कांची कामकोठी पीठ के शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वीजी का मामला उठाया गया है। गौरतलब है कि शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती पर उनके मठ के पूर्व प्रबंधक शंकर रमण की हत्या का आरोप था। 9 साल तक चली सुनवाई के बाद शंकराचार्यजी को निर्दोष घोषित किया गया था। अगले पन्ने पर, एफआईआर का पोस्टमार्टम...
इस पत्रिका में आसाराम और नारायण साईं के विरुद्ध लगाए गए आरोप और दर्ज की गई एफआईआर के तथ्यों का भी विश्लेषण किया गया है। आरोप लगाने वाली पीड़िता के बयानों और आसाराम-नारायण साईं के तर्कों को प्रस्तुत किया गया है।