शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. समाचार
  4. »
  5. राष्ट्रीय
Written By WD
Last Modified: मंगलवार, 27 मई 2014 (14:08 IST)

इंदौरी चाहते हैं सुमित्रा महाजन बनें लोकसभाध्यक्ष

इंदौरी चाहते हैं सुमित्रा महाजन बनें लोकसभाध्यक्ष -
FILE
इंदौर। इस लोकसभा चुनाव में कई कीर्तिमान रचने वाली इंदौर की सांसद सुमित्रा महाजन का नाम मंत्रियों की सूची में न देखकर इंदौर के लोगों को काफी निराशा हाथ लगी। हालांकि अभी उन्होंने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा है। लोगों को आशा है कि वे श्रीमती महाजन को लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे हुए अवश्य देखेंगे, लेकिन इसके लिए लोकसभा की पहली बैठक तक उन्हें इंतजार करना होगा।

उल्लेखनीय है कि श्रीमती महाजन इस बार संसद पहुंचने वाली ऐसी पहली महिला हैं, जो लगातार आठ बार लोकसभा चुनाव जीत चुकी हैं। इसके साथ ही इस बार उन्होंने मध्यप्रदेश में सर्वाधिक मतों से जीतने का रिकॉर्ड भी बनाया है। महाजन देश में भाजपा की उन 10 बड़ी जीतों में सातवें नंबर पर हैं, जहां भगवा पार्टी को सर्वाधिक अंतर से जीत हासिल हुई। उन्होंने 466901 मतों से कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को हराया।

लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सुमित्रा महाजन का दावा इसलिए मजबूत बनता है क्योंकि वे वरिष्ठ सांसद होने के साथ ही महिला भी हैं और मध्यप्रदेश के सबसे बड़े शहर इंदौर का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसक साथ ही वे कई बार स्पीकर की कुर्सी पर बैठकर सदन का संचालन भी कर चुकी हैं। यदि वे स्पीकर बनती हैं तो मीरा कुमार की परंपरा को आगे बढ़ाएंगी, जो 15वीं लोकसभा में कांग्रेस की ओर से महिला लोकसभा अध्यक्ष थीं।

हालांकि कुछ बातें ऐसी भी हैं जो उनके आड़े आ सकती हैं। एक तो यह कि मंत्रिमंडल में मध्यप्रदेश कोटे से चार कैबिनेट मंत्री बनाए जा चुके हैं। इनमें सुषमा स्वराज, थावरचंद गहलोत, नरेन्द्रसिंह तोमर और नजमा हेपतुल्ला हैं। इनमें दो लोकसभा के लिए चुने गए हैं, जबकि गहलोत और हेपतुल्ला राज्यसभा से सांसद हैं। दूसरी करिया मुंडा भी इस दौड़ में शामिल हैं। मुंडा वरिष्ठ होने के साथ आदिवासी समुदाय से भी ताल्लुक रखते हैं। इसके चलते उनका दावा भी इस गरिमामय पद के लिए मजबूत माना जा रहा है।

कैसे होता है लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव... पढ़ें अगले पेज पर...


लोकसभा का अध्यक्ष संसद के निम्न सदन का सभापति होता है। लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा चुनावों के बाद लोकसभा की पहली बैठक में ही कर लिया जाता है, जो कि संसद के सदस्यों में से ही पांच साल के लिए चुना जाता है। लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव की तिथि राष्ट्रपति द्वारा तय की जाती है।

लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा के सत्रों की अध्यक्षता करता है और सदन के कामकाज का संचालन करता है। वह निर्णय करता है कि कोई विधेयक, धन विधेयक है या नहीं। वह सदन का अनुशासन और मर्यादा बनाए रखता है और इसमें बाधा पहुंचाने वाले सांसदों को दंडित भी कर सकता है। वह विभिन्न प्रकार के मोशनों और संकल्पों, जैसे अविश्वास प्रस्ताव, स्थगन प्रस्ताव, सेंसर मोशन, को लाने की अनुमति देता है और अटेंशन नोटिस देता है। अध्यक्ष ही यह तय करता है कि सदन की बैठक में क्या एजेंडा लिया जाना है।