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Written By भाषा

आसाराम के वकील ने लगाया साजिश का आरोप

आसाराम के वकील ने लगाया साजिश का आरोप -
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जोधपुर। आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में बचाव पक्ष ने एक स्थानीय अदालत में दलील दी कि आसाराम भारत के संत समुदाय को बदनाम करने की अंतराष्ट्रीय साजिश के शिकार हुए हैं।

बचाव पक्ष के वकील ओंकार सिंह लखावत ने मामले में दलीलें शुरू कीं। स्थानीय जिला एवं सत्र अदालत में अभियोजन पक्ष की दलीलें बुधवार को पूरी हो गईं।

लखावत ने अदालत के समक्ष कहा, भारत में संत समुदाय के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है और आसाराम इस साजिश के शिकार हुए हैं क्योंकि वे देश के एक प्रमुख संत हैं। लखावत भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष भी हैं।

उन्होंने दावा किया कि आसाराम निर्दोष हैं और उन्हें मामले में फंसाया गया है। उन्होंने अपनी दलीलों के समर्थन में कुछ दस्तावेज भी अदालत में पेश किए। यह पूछे जाने पर क्या भाजपा आसाराम को बचाना चाहती है, उन्होंने कहा कि वे पेशेवर वकील हैं और वे आसाराम के वकील के रूप में अदालत में पेश हुए हैं। उन्होंने कहा, इसमें कोई राजनीतिक अर्थ नहीं है। मैं यहां सिर्फ एक वकील के रूप में हूं जो अपने मुवक्किल के लिए अदालत में पेश हुआ है।

कल भाजपा के दो विधायकों ने अखिल भारतीय संत सम्मेलन में आसाराम के समर्थकों के साथ मंच साझा किया था। इसका आयोजन आसाराम के समर्थन में अभियान शुरू करने के लिए किया गया था। वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी पहले ही उच्च न्यायालय में आसाराम की वकालत कर रहे हैं जहां उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हो रही है।

इस बीच आसाराम के हजारों अनुयाई अदालत के पास एकत्र हो गए ताकि वे उनकी एक झलक पा सकें और पूर्णिमा के दिन उनका अभिवादन कर सकें। इससे वहां हंगामे की स्थिति पैदा हो गई और एक वकील के साथ हाथापाई हुई।

पुलिस ने कहा कि उन्हें भारी भीड़ पर नियंत्रण करने और उन्हें हटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि कुछ श्रद्धालुओं को हिरासत में ले लिया गया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।

पुलिस ने अनुयायियों को दूर रखने के लिए बैरिकेड लगाए थे, लेकिन आसाराम की एक झलक पाने के लिए बेताव श्रद्धालुओं ने धक्कामुक्की की। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि धक्कामुक्की के कारण कुछ वकीलों और अनुयायियों के बीच कहासुनी की स्थिति पैदा हो गई और भीड़ ने एक वकील के साथ हाथापाई की।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वकील को भीड़ से मुक्त कराया और भीड को वहां से तितर-बितर किया। कुछ अनुयाई जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर भी एकत्र हो गए। उन्होंने आसाराम के सम्मान में प्रणाम किया, भजन गाए और उनके लिए जेल के गेट पर मालाएं डाल दीं। (भाषा)