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Written By भाषा

अमेरिकी तो बच गए, मगर...

9 अगस्त नागासाकी शांति दिवस पर विशेष

अमेरिकी तो बच गए, मगर... -
आज से 63 वर्ष पूर्व जापान के शहर नागासाकी को काल कवलित करने वाले परमाणु बम के निर्माताओं में से एक का कहना है कि हमने अनेक अमेरिकियों को तो बचा लिया, लेकिन इसके लिए असंख्य जापानियों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।

अमेरिका ने 9 अगस्त 1945 को नागासाकी में बम 'फैट मैन' से परमाणु हमला किया था। इसमें करीब 90 हजार लोगों की जिंदगी छिन गई। इस बम को बनाने वाले दल में शामिल एक वैज्ञानिक 89 वर्षीय हेनरी लिंशिज कहते हैं इस बम हमले के बाद द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया। इस लिहाज से देखें तो हमने अनेक जापानियों की कीमत पर अनेक अमेरिकियों की जान बचाई।

हेनरी उस समय अध्ययन भी कर रहे थे और इस बम निर्माण दल में शामिल थे। उन्होंने हाल ही में एक साक्षात्कार में कहा कि हिरोशिमा के बाद नागासाकी पर बम हमला नहीं होना चाहिए था।

हेनरी का कहना है मैं सोचता हूँ कि नागासाकी पर बम गिराया नहीं जाना चाहिए था, लेकिन यह गिराया गया। उन्होंने कहा यह प्लूटोनियम बम बनाना काफी कठिन काम था। तीन दिन के भीतर हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए बम हमलों में इस्तेमाल किये गए बमों को हेनरी एक जैसा बताते हैं।

नागासाकी पर हमले से तीन दिन पहले यानी छह अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर 'लिटिल बॉय' से परमाणु हमला किया गया था। अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के आखिरी दौर में जापान पर ये हमले किए थे। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस. ट्रूमैन ने इनका आदेश दिया था।
अमेरिकी सेना ने बी-29 बमवर्षक विमान से स्थानीय समयानुसार दोपहर 11 बजकर दो मिनट पर पैराशूट से नागासाकी पर बम गिराया था।

जमीन से करीब आधा किलोमीटर ऊपर विस्फोट हुआ और पूरे शहर को तबाह कर दिया। तत्कालीन रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी वायुसैनिकों ने आसमान से नागासाकी के ऊपर उठते धुएँ को देखकर कहा था कि शहर से करीब 50 हजार फुट ऊँचाई तक धुआँ उड़ रहा था।

हिरोशिमा और नागासाकी विश्व युद्ध के इतिहास में परमाणु हमले के पहले और अंतिम शिकार रहे। नागासाकी में विस्फोट से हजारों लोग तो उसी समय काल के गाल में समा गए और बाद में भी विकिरण आदि के कारण काफी लोग मारे गए या अपंग हो गए।

इन हमलों के बाद द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया। जापान ने 15 अगस्त 1945 को समर्पण कर दिया। 2 सितंबर 1945 को जापान द्वारा समर्पण संधि किए जाने के बाद आधिकारिक रूप से द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति हो गई।

जापान के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों में भी नागासाकी की इस वीभत्स घटना को याद किया जाता है। नागासाकी शांति पार्क में हर साल आज के दिन विशेष स्मृति आयोजन होता है और हजारों मृतकों को याद किया जाता है।

इन सब से अलग जापान का एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन पूरी दुनिया में परमाणु निशस्त्रीकरण के अभियान में लगा हुआ है। सोका गक्काई इंटरनेशनल नामक इस संगठन ने इस हमले के 63 वर्ष पूरे होने के साथ ही अपने अभियान को भी तेज कर दिया है।

यह शांति संगठन बौद्ध दर्शन को मानता है। 192 देशों में इसके एक करोड़ से ज्यादा सदस्य हैं। संगठन के अध्यक्ष और बौद्ध दार्शनिक दइसाकु इकेदा कहते हैं कि परमाणु हथियार पूरी दुनिया के लिए बहुत खराब और खतरनाक है। (भाषा)