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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 17 जुलाई 2012 (00:32 IST)

अमरनाथ यात्रियों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित

अमरनाथ यात्रियों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित -
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अमरनाथ यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों की मृत्यु की घटनाओं से चिंतित उच्चतम न्यायालय ने इस तीर्थयात्रा के दौरान चिकित्सा व्यवस्था और दूसरी सुविधाओं के बारे में केन्द्र सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।

न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की खंडपीठ ने समाचार पत्रों में इस संबंध में प्रकाशित खबरों का स्वत: ही संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब-तलब किया है। न्यायालय इस तीर्थयात्रा के दौरान जान गंवाने वाले तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या का कारण जानना चाहता है। केंद्र और राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर अपना जवाब देना है।

न्यायालय ने इसके अलावा तीर्थयात्रा के दौरान उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के बारे में भी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। इस तीर्थयात्रा के दौरान 13 जुलाई तक 74 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो चुकी है।

न्यायाधीशों ने कहा कि समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित कुछ घटनाओं ने अमरनाथ गुफा की तीर्थयात्रा के रास्ते में आवश्यक सुविधाओं के अभाव और तीर्थयात्रियों की जान के जोखिम को देखते हुए ही वे इसका न्यायिक संज्ञान लेने के लिए बाध्य हो रहे हैं।

न्यायाधीशों ने कहा कि यह सर्वविदित है कि पवित्र गुफा तक पहुंचने का मार्ग बेहद संकरा और असुरक्षित है। अमरनाथ गुफा में दर्शन के लिए पहुंचने वाले हजारों तीर्थयात्रियों को घंटों और कई दिन तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है, लेकिन फोटोग्राफ से यही पता चलता है कि पवित्र गुफा के आसपास उनके लिए पर्याप्त सुविधाओं का अभाव है।

न्यायाधीशों ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पवित्र गुफा के दर्शन के लिए जाने वाले तीर्थयात्रियों की हर साल मृत्यु हो रही है और दुख की बात है कि समुचित सुविधा और सहायता के अभाव में इस यात्रा के दौरान मरने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

सरकार और संबंधित प्राधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे इस ओर अधिक ध्यान दें तथा लोगों की जानमाल की हिफाजत के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराएं। पवित्र गुफा के दर्शन के लिए जाने वाले यात्रियों को चिकित्सा सहायता, बेहतर सड़क और दूसरी बुनियादी सुविधाओं सहित न्यूनतम आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने की जिम्मेदारी से सरकार और उसके विभाग बच नहीं सकते। (भाषा)