अबु सलेम का वसूली के आरोप से इंकार
अंडरवर्ल्ड सरगना अबु सलेम ने दिल्ली की एक अदालत में अपने खिलाफ जबरन धन वसूली के आरोप का इस आधार पर विरोध किया कि भारत सरकार ने पुर्तगाल से उसका प्रत्यर्पण किए जाने के समय कठोर दंडात्मक प्रावधान के तहत अभियोजन के बारे में कोई जिक्र नहीं किया था। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट किरण बंसल को आरोपी के वकील अरविंद शुक्ला ने बताया कि पुर्तगाल से किए प्रत्यर्पण आग्रह में सीबीआई ने कहा था कि सलेम पर धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) और धारा 384 (जबरन धन वसूली) के तहत मुकदमा चलाया जाएगा, जिसमें भारतीय दंड संहिता के तहत तीन साल की अधिकतम जेल की सजा का प्रावधान है।उन्होंने अदालत से कहा कि अब अभियोजन पक्ष भारतीय दंड संहिता की धारा 387 (किसी व्यक्ति को मौत का डर दिखाना) के तहत आरोपी पर मुकदमा चलाना चाहता है जिसमें उसे अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है।सलेम और अंडरवर्ल्ड सरगना दाऊद इब्राहीम के कथित गुर्गे रोमेश शर्मा को तीन व्यापारियों से 1998 में कथित तौर पर धन की माँग करते हुए धमकी भरे फोन करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।सरकारी वकील राजीव मोहन ने सलेम की याचिका का यह तर्क देते हुए विरोध किया कि सलेम रोमेश शर्मा के साथ सक्रिय तौर पर मिल कर काम करता था और यह उसके खिलाफ जबरन धन वसूली का मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त है। (भाषा)