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Written By भाषा

अजहरुद्दीन के खिलाफ वारंट जारी

चेक बाउन्स के मामले में फंसे पूर्व कप्तान

अजहरुद्दीन के खिलाफ वारंट जारी -
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दिल्ली की एक अदालत ने आज कांग्रेस सांसद मोहम्मद अजहरुद्दीन के खिलाफ नए सिरे से गैर जमानती वारंट जारी किया। अदालत ने कहा कि चेक बाउंस के मामले में अजहर अदालत के समक्ष पेश होने से जान-बूझकर बच रहे हैं।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विक्रांत वेद ने सात मार्च के लिए गैर जमानती वारंट जारी करते हुए अजहर की ओर से अदालत के समक्ष व्यक्तिगत पेशी से छूट देने के लिए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया।

अजहर ने इस आधार पर अदालत के समक्ष व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की मांग की थी कि वह उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने में व्यस्त हैं।

जब अजहर के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल चुनाव प्रचार में व्यस्त है तो मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा वह (अजहरुद्दीन) जानबूझकर अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हो रहे हैं।

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान के वकील ने अजहर के खिलाफ गत 18 फरवरी को जारी गैर जमानती वारंट पर रोक लगाने या उसे रद्द करने और आज व्यक्तिगत पेशी से उन्हें छूट देने की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

अजहर के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल जान-बूझकर अदालत के समक्ष पेश होने से नहीं बच रहा है क्योंकि कांग्रेस पार्टी की ओर से तैयार की गई प्रचारकों की सूची में उनके कहने से उन्हें शामिल नहीं किया गया था।

मजिस्ट्रेट ने हालांकि कहा कि अदालत का इस तथ्य से कोई लेना-देना नहीं है कि अजहरुद्दीन अपनी पार्टी के स्टार प्रचारक हैं।

उन्होंने कहा यह (स्टार प्रचारक होना) आपके (अजहर) और पार्टी के बीच का मामला है। इससे अदालत का कुछ भी लेना-देना नहीं है। अजहर के वकील ने अदालत से कहा कि चुनाव प्रचार के लिए उनके मुवक्किल के अनुपलब्ध रहने से उनके करियर पर विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है।

इस बीच, शिकायतकर्ता संजय सोलंकी के वकील ने अजहर की व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की मांग करने वाले आवेदन का विरोध किया। उन्होंने कहा कि भले ही वह अपनी पार्टी के स्टार प्रचारक हों लेकिन उन्हें अदालत के समक्ष उपस्थित होने से छूट हासिल नहीं है।

उन्होंने कहा अजहरुद्दीन जान-बूझकर अदालत के समक्ष उपस्थित होने से बच रहे हैं। इस मामले में 26 तारीखें बीत चुकी हैं और वह सिर्फ तीन बार पेश हुए हैं। यह उनके आचरण को दर्शाता है।

उन्होंने कहा अजहर अदालत के महत्व को घटा रहे हैं और राजनैतिक दल को ऊपर रख रहे हैं। इससे पहले पिछली सुनवाई के दौरान मजिस्ट्रेट अदालत ने अजहर के खिलाफ आज उपस्थित होने के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया था। ऐसा तब किया गया था जब वह अदालत के समक्ष इस मामले के सिलसिले में उपस्थित होने में विफल रहे थे।

अदालत ने उस दिन भी अजहर की व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। उन्होंने इस आधार पर व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की मांग की थी कि वह उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने में व्यस्त हैं।
शिकायत के अनुसार अजहर तकरीबन साढ़े चार करोड़ रुपए की मुंबई स्थित अपनी संपत्ति को बेचना चाहते थे। इस संपत्ति पर उनका और उनकी पत्नी का संयुक्त स्वामित्व है।

दिल्ली के व्यापारी संजय सोलंकी ने संपत्ति को खरीदने के लिए अजहर से संपर्क किया था और सौदे को अंतिम रूप दिए जाने के बाद सोलंकी ने अजहर को अग्रिम राशि के तौर पर डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान किया था।

लेकिन कुछ समय के बाद वैवाहिक विवाद के कारण अजहर ने संपत्ति को बेचने से इंकार कर दिया और सोलंकी को धन लौटाने पर सहमति जताई लेकिन उनकी ओर से सोलंकी को जारी किया गया चेक बाउंस हो गया। (भाषा)