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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 7 फ़रवरी 2011 (19:31 IST)

अब एस-बैंड स्पेक्ट्रम घोटाला!

विपक्ष के निशाने पर प्रधानमंत्री सिंह

अब एस-बैंड स्पेक्ट्रम घोटाला! -
भाजपा और अन्य विपक्षी दलों ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के बाद अब सीधे प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के तहत आने वाले इसरो से जुड़े दुर्लभ एस-बैंड स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित दो लाख करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान के बारे में सिंह से स्पष्टीकरण देने और क्षति की भरपाई करने को कहा है।

भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह पूरा मामला धोखाधड़ी का है और इसके परिणामस्वरूप देश को न सिर्फ राजस्व का नुकसान हो रहा है बल्कि हम बहुमूल्य राष्ट्रीय संपत्ति भी गँवा रहे हैं, जो दुर्लभ स्पेक्ट्रम के रूप में है।

उन्होंने इस प्रकरण में कैग की जाँच को लेकर मीडिया खबरों के हवाले से कहा कि यह आश्चर्यजनक बात है कि सीधे प्रधानमंत्री के तहत आने वाले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के दुर्लभ एस-बैंड स्पेक्ट्रम आवंटन में घोटाला हुआ है।

पार्टी ने अपना रुख और आक्रमक करते हुए कहा कि इस नए रहस्योद्घाटन को देखते हुए प्रधानमंत्री को सबसे पहले तीन काम करने चाहिए। दुर्लभ एस-बैंड स्पेक्ट्रम के एक निजी कंपनी को गुपचुप किए गए आवंटन को तुरंत रद्द किया जाए, इस आवंटन से राजस्व को हुए नुकसान को वापस लिया जाए और सिंह इस संबंध में तुरंत स्पष्टीकरण दें।

सीतारमण ने कहा कि हम इस पूरे मामले में अपराध साबित करने के लिए व्यापक जाँच की माँग करते हैं । हम यह माँग भी करते हैं कि नुकसान हुए राजस्व की वसूली हो ।

इस बीच भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर उसकी जाँच प्रारंभिक स्तर पर है और मीडिया की खबरों को विभाग के निष्कर्ष के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

ऐसी खबरें हैं कि कैग ने देवास मल्टीमीडिया के साथ हुए इसरो के समझौते की जाँच शुरू कर दी है। इस समझौते के तहत देवास मल्टीमीडिया को कथित तौर पर 20 साल के लिए दुलर्भ एस-बैंड स्पेक्ट्रम का 70 मेगाहर्ट्‍ज उपलब्ध कराया जाएगा।

सीतारमण ने आरोप लगाया कि इसरो के ही पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार एमजी चन्द्रशेखर अब देवास मल्टीमीडिया के चेयरमैन हैं जिसे ‘गुपचुप’ तरीके से यह दुलर्भ स्पेक्ट्रम बहुत ही सस्ते दाम में आवंटित किया गया है।

उन्होंने कहा कि हम 5-जी स्पेक्ट्रम की बात कर रहे हैं, जो गीगाहर्ट्ज से संबद्ध है। हाल ही में बीएसएनएल और एमटीएनएल को 12487 करोड़ रुपए में सिर्फ 20 मेगाहर्ट्ज आवंटन किया गया, लेकिन 70 मेगाहर्ट्ज इस निजी परिचालक को दे दिया गया और उससे सरकार केवल 1000 करोड़ रुपए ले रही है।

माकपा के पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी ने कहा कि यह एक नया मुद्दा है। इसरो प्रधानमंत्री के तहत आने वाला विभाग है। यह एक नया घोटाला है। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव डी. राजा ने कहा कि यह नया रहस्योद्घाटन ‘बहुत ही गंभीर’ है जिसकी गहरी जाँच की जरूरत है।

आरएसपी के वरिष्ठ नेता अवनि राय ने मामले की गहन जाँच की माँग करते हुए कहा कि वाम दल निश्चित तौर पर माँग करेंगे कि इस नए घोटाले को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से जोड़ का अध्ययन किया जाए। चारों वाम दल इस मुद्दे पर आगे की रणनीति के बारे में विचार करेंगे। (भाषा)