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Written By भाषा

भारत सीटीबीटी पर हस्ताक्षर करे-जर्मनी

जर्मन चांसलर मर्केल सोमवार से भारत यात्रा पर

भारत सीटीबीटी पर हस्ताक्षर करे-जर्मनी -
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह के प्रमुख देश जर्मनी ने भारत से सीटीबीटी और फिसाइल मटेरियल कट ऑफ ट्रीटी (एफएमसीटी) पर दस्तखत करने को कहा है। जर्मनी ने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका असैनिक परमाणु करार के कुछ पहलू चिंता का विषय हैं।

सूत्रों ने यहाँ बताया कि विशेष दूत श्याम सरन की हाल की जर्मनी यात्रा के दौरान उन्हें जर्मनी की इच्छा के बारे में अवगत कराया गया। उनसे कहा गया कि जर्मनी चाहता है कि भारत वैश्विक स्तर पर परमाणु अप्रसार तंत्र को मजबूत बनाने के लिए और कदम उठाए।

जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल भारत दौरे पर सोमवार को यहाँ पहुँच रही हैं। प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के साथ बातचीत के दौरान भारत-अमेरिका परमाणु करार पर चर्चा होने की संभावना है।

करार पर जर्मनी का समर्थन हासिल करने वहाँ गए सरन से कहा गया कि जर्मनी चाहता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय परमाणु अप्रसार प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए अपना योगदान दे।

जर्मनी के अधिकारियों ने कहा करार में कई ऐसे तत्व हैं जिससे परमाणु अप्रसार व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी, लेकिन कुछ ऐसे तत्व भी हैं जिसको लेकर हम चिंतित हैं।

सूत्रों ने सरन की यात्रा का विस्तृत ब्योरा देते हुए कहा कि जर्मनी चाहता है कि भारत न केवल सीटीबीटी पर हस्ताक्षर करे, बल्कि उसके लिए बातचीत को भी आगे बढ़ाए। साथ ही एफएमसीटी को मंजूरी दे।

भारत-अमेरिका परमाणु करार को अमल में लाने के लिए एनएसजी को अपने नियमों में तब्दीली करना होगी। भारत फिलहाल इसके लिए एनएसजी सदस्य देशों का समर्थन हासिल करने में लगा है। जर्मनी करार को समर्थन देने के मामले में अपनी अनिच्छा जताता रहा है क्योंकि उसे आशंका है कि इससे परमाणु अप्रसार व्यवस्था पर असर पड़ सकता है।

बहरहाल जर्मनी का मानना है कि ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के लिए भारत को परमाणु ईंधन और प्रौद्योगिकी मिलनी चाहिए, लेकिन यह इस रूप में हो जिससे एनपीटी पर असर नहीं पड़े।

एंजेला मर्केल की छह दिवसीय यात्रा के दौरान रक्षा आर्थिक और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग का मुद्दा एजेंडे में सबसे ऊपर होगा। दो साल पहले सत्ता की बागडोर संभालने के बाद एंजेला की यह पहली भारत यात्रा है।

मर्केल और प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के बीच बातचीत के दौरान जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद के मसले तथा उससे निपटने के उपायों पर भी चर्चा होने की संभावना है। दोनों पक्ष विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के तहत 12 समझौते और सहमति पत्र पर दस्तखत करेंगे।