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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 6 नवंबर 2012 (23:19 IST)

राम जेठमलानी : गडकरी से कुछ सवाल पूछना चाहता हूं

राम जेठमलानी : गडकरी से कुछ सवाल पूछना चाहता हूं -
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भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की कंपनियों पर संदिग्ध वित्त पोषण के आरोपों के बाद उनके इस्तीफे की मांग करने वाले राम जेठमलानी ने आज कहा कि खुद को गडकरी की बेगुनाही का यकीन दिलाने के लिए वे उनसे कुछ सवाल पूछना चाहते हैं।

राज्यसभा में भाजपा के सदस्य एवं वरिष्ठ अधिवक्ता जेठमलानी ने आरएसएस विचारक एस गुरुमूर्ति के साथ लगभग 40 मिनट की बैठक में उनसे कहा कि वह गडकरी से कुछ सवाल करना चाहते हैं और उन्होंने ऐसे दस्तावेज मांगे, जिनसे यह साबित हो सके कि गडकरी की कंपनियां इस संदिग्ध वित्त पोषण में शामिल नहीं हैं।

गुरुमूर्ति ने जेठमलानी को आश्वस्त करने के लिए उनसे मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद जेठमलानी ने कहा, मैंने गुरुमूर्ति से कहा कि मेरे लिए गडकरी से कुछ सवाल पूछना जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि इसके बारे में चिंता न करें। अगर आपको सवाल पूछने हैं, तो गडकरी उनका जवाब देंगे। हालांकि गुरुमूर्ति ने किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।

जेठमलानी ने कहा, गुरुमूर्ति ने मुझे यकीन दिलाने की कोशिश की। उन्होंने दस्तावेज देखे हैं, लेकिन मैंने ये दस्तावेज नहीं देखे हैं, मैं किसी भी निष्कर्ष को मानने के लिए तैयार नहीं हूं। मैंने उनसे बुधवार तक सभी दस्तावेजों के साथ एक नोट देने को कहा है, जिसे मैं खुद देखूंगा।

आज हजारे के दिन की शुरुआत पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह से लंबी बैठक के साथ शुरू हुआ। उसके बाद वे राष्ट्रीय राजधानी में अपने आंदोलन के वास्ते कार्यालय के लिए स्थान ढूंढने उत्तर-पूर्वी दिल्ली गए। मध्यप्रदेश भवन के बाहर प्रदर्शन में उन्होंने आरोप लगाया कि मेधा पाटकर को हिरासत में रखना यह दर्शाता है कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।

उन्होंने कहा, सरकार सार्वजनिक संपत्ति का निजीकरण कर रही है। जो भी उसका विरोध करता है, उसका उत्पीड़न किया जाता है। संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है। यदि मेधा पाटकर को रिहा नहीं किया जाता है तो हम आंदोलन छेड़ेंगे। हजारे ने यहां महाराष्ट्र सदन में स्वयंसेवकों के साथ बैठकें कीं। सामाजिक कार्यकर्ता किरण बेदी वहां मौजूद थीं।

सू़त्रों ने बताया कि हजारे इस यात्रा के दौरान अपने आंदोलन के दिल्ली दफ्तर का उद्घाटन करने वाले थे, लेकिन उत्तरप्रदेश के कौशांबी में चुना गया भवन उन्हें पसंद नहीं आया। (भाषा)