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Written By WD

खाने के लिए नाचीं जारवा जनजाति की महिलाएं

खाने के लिए नाचीं जारवा जनजाति की महिलाएं -
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह में लुप्तप्राय जारवा जनजाति की महिलाओं को पर्यटकों के आगे अर्धनग्न नचवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसके वीडियो फुटेज सामने आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संघ शासित प्रदेश अंडमान निकोबार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। आदिवासी मामलों के मंत्रालय ने इस घटना को गंभीरता से लिया है।

अपनी प्राथमिक रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि वह पर्यटकों के आगे आदिवासी महिलाओं को नाचने के लिए मजबूर करने के लिए ब्रिटिश अखबार के वीडियोग्राफर के खिलाफ कार्रवाई करेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्थानीय प्रशासन से पता लगाने को कहा कि वीडियो कब फिल्माया गया और कैसे एकांतवासी आदिवासी इस वीडियोग्राफर और पर्यटकों के संपर्क में आए।

आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री किशोरचंद्र देव ने इस वीडियो को घृणित बताते हुए कहा कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक करेंगे।

अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज: पुलिस ने पर्यटकों के सामने जारवा आदिवासी महिलाओं के अर्धनग्न नृत्य को फिल्माने और उसे इंटरनेट पर अपलोड करने के सिलसिले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि भारतीय दंड संहिता, सूचना और प्रौद्योगिकी कानून, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति तथा प्राचीन जनजाति संरक्षण कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बिस्किट और सिक्कों का दिया लालच : वीडियो जारी करने वाले ब्रिटिश पत्रकार ने दावा किया है कि यह वीडियो पुराना नहीं बल्कि नया है। लंदन स्थित अखबार 'द ऑब्जर्वर' के पत्रकार गेथिन चैम्बरलेन ने दावा किया कि पुलिसकर्मियों ने जारवा आदिवासियों को खाने के लिए कुछ बिस्किट और चंद सिक्कों का लालच देकर सैलानियों के सामने नाचने को कहा।

पुराना है वीडियो : अंडमान पुलिस ने मामले से यह कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की कि वीडियो पुराना है। अंडमान के डीजीपी एस.बी. देओल ने दावा किया कि यह वीडियो वर्ष 2002 में लिया गया है। हालांकि उन्होंने कहा कि जिसने भी वीडियो शूट किया है, उसने नियम तोड़ा है और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

आदेश देने वाला पुलिसकर्मी नहीं : डीजीपी ने मीडिया से बातचीत में यह भी दावा किया कि वीडियो फुटेज में महिलाओं को नाचने का आदेश देने वाला व्यक्ति पुलिसकर्मी नहीं है। आरोप है कि पुलिस जैसी वर्दी पहने यह व्यक्ति पर्यटकों से 200 पौंड की रिश्वत लेने के बाद उन्हें आदिवासियों के पास जंगल ले गया था।

रिकॉर्ड खगाल रह‍ी है पुलिस : अंडमान पुलिस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि वह ये पता लगाने के लिए रिकार्ड खंगाल रही है कि यह वीडियो कब शूट किया गया। यही नहीं बयान में यह भी कहा गया है कि इस मामले में 'द ऑब्जर्वर' से मांग की गई है कि वह स्थानीय पुलिस से माफी मांगे। अखबार से कहा गया है कि वह ये वीडियो बनाने वाले वीडियोग्राफर का नाम बताए।

क्या है वीडियो फुटेज में : वीडियो फुटेज में एक व्यक्ति को जारवा जनजाति की महिलाओं से यह कहते दिखाया गया गया है कि वे पर्यटकों के आगे नाचेंगी तो बदले में उन्हें खाना मिलेगा। वीडियो में मौज मस्ती के लिए आने वाले विदेशी सैलानियों के सामने गरीब आदिवासियों को नाचते दिखाया गया है।

कौन है जरावा जाति : अंडमान निकोबार में जारवा जनजाति के मात्र 403 सदस्य बचे हैं और वे दक्षिण अंडमान के घने जंगलों में रहते हैं। आम तौर पर वे नंगे रहते हैं या कम ही कपड़े पहनते हैं। जारवा आदिवासी भारत में अंडमान द्वीप पर ही पाए जाते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने जारवा जनजाति के संरक्षण को लेकर पहले ही कई कदम उठाने के आदेश दे रखे हैं। कोर्ट का साफ निर्देश है कि उनके रिहायशी इलाके तक जाने वाली सड़क पर आम लोगों को न जाने दिया जाए। लेकिन स्थानीय पुलिसकर्मी सैलानियों से रिश्वत लेकर उन्हें आदिवासियों के इलाके तक जाने की छूट देते हैं। (नईदुनिया/एजेंसी)