कौन हैं शिया धर्म गुरु मुक्तदा अल-सदर जिनके जाने से सुलग उठा इराक?
बगदाद, दुनिया में नेताओं और धर्म गुरुओं की ताकत कई बार देखने को मिलती है, लेकिन कुछ नेता हमारी सोच से भी ज्यादा ताकतवर होते हैं। इराक के मुक्तदा अल-सदर ऐसे ही एक धर्मगुरु हैं, जिनके एक इशारे पर पूरे इराक में कुछ भी हो सकता है। हाल ही में उन्होंने राजनीति से सन्यास का ऐलान किया तो पूरा इराक जल उठा। उनके समर्थकों ने ग्रीन जोन पर हमला कर दिया, जिसमें हुई हिंसा में 15 लोगों की मौत हो गई। मुक्तदा अल-सदर अमेरिका के विरोधी रहे हैं।
राजनीति छोड़ने का ऐलान
शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर ने राजनीति छोड़ने का ऐलान किया है। इस ऐलान के बाद इराक में सिविल वार जैसे हालात हो गए हैं। इस ऐलान के बाद अल-सदर के समर्थक सड़कों पर उतर आए और राजधानी के ग्रीन जोन में हमला बोल दिया। सोमवार रात भर ग्रीन जोन में लगभग सात गोले बरसाए गए। जिसमें अल सदर के लगभग 15 समर्थकों की मौत हो गई। आखिर कौन है मुक्तदा अल-सदर जिनके एक इशारे पर उनके समर्थक मर मिटने को तैयार रहते हैं। उनके इसी एक इशारे पर हाल ही में इराक जल उठा।
इराक में सबसे ताकतवर नेता
बता दें कि मुक्तदा अल सदर एक शिया धर्मगुरु हैं। वह इराक में सबसे ताकतवर नेताओं में से एक हैं। अक्टूबर 2021 में हुए चुनाव में उनकी पार्टी ने सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। हालांकि बहुमत नहीं होने की वजह से वे सरकार नहीं बना पाए। बता दें कि सदर के पिता मोहम्मद सादिक और ससुर मोहम्मद बाकिर भी इराक के बहुत ताकतवर धर्मगुरु थे। लेकिन सद्दाम हुसैन ने दोनों की हत्या कर डाली थी। सदर हैं तो शिया लेकिन पे इराक में ईरान की दखलअंदाजी के विरोधी हैं।
अपने पिता के नक्शे कदम पर सदर
अल सदर अपने पिता से बेहद प्रभावित हैं। वे उन्हीं के नक्शे कदम पर चलते हैं। लेकिन वे 2003 में सद्दाम हुसैन की मौत के बाद चर्चा में आए। उन्होंने हजारों लोगों को साथ जोड़ कर अल सदरिस्ट मूवमेंट की शुरुआत की। इस मूवमेंट में मिलिट्री विंग भी है, जिसका नाम जैश अल-मेहदी या मेहदी की सेना था, बाद में इसे बदल कर सरया अल-सलाम यानी शांति ब्रिगेड कर दिया। दिलचस्प है कि अल सदर ईरान के समर्थक नहीं हैं, लेकिन वह अमेरिका को भी पसंद नहीं करते हैं। 2003 में एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, 'सद्दाम एक छोटा नाग था, लेकिन अमेरिका एक बड़ा नाग है।'
लिबरल्स के खिलाफ अल सदर
अल सदर इराक में लिबरल विचारधारा के विरोधी हैं। वह समलैंगिकों और महिला-पुरुषों के मिक्स होने की बेहद आलोचना करते रहे हैं। इराक में नई सरकार बनाने में उन्होंने अमेरिका के दखल देने से साफ मना कर दिया था। यही नहीं, अमेरिका को उन्होंने एक आक्रमणकारी देश घोषित कर दिया था। बाद में उन्होंने एक इराकी राष्ट्रवादी के रूप में खुद को स्थापित किया। वे इराक में ईरान के प्रभाव के भी विरोधी हैं।
ऐसी है अल सदर की ताकत
साल 2019 के दिसंबर में राजधानी बगदाद स्थित सदर के घर पर ड्रोन से हमला हुआ था। लेकिन वे इस वक्त घर में नहीं थे इसलिए बच गए। हाल ही में अब मुक्तदा अल-सदर ने राजनीति को छोड़ने की घोषणा कर दी है, जिसके कारण उनके समर्थक भड़क गए हैं। उनके कहने पर उनके समर्थक संसद में घुस जाते हैं। उनके एक इशारे पर हजारों लाखों समर्थक उनके लिए सडकों पर उतर आते हैं।