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Written By ND

नया साथी खोज लेने में भलाई

Romance Dating tips | नया साथी खोज लेने में भलाई
- मानसी

ND
हेलो दोस्तो! प्यार एक ऐसा एहसास है जिसके बिना इनसान बहुत ही खाली और अधूरा सा हो जाता है। इसीलिए जब प्यार की कोई आस कहीं नजर आती है तो मनुष्य उसे किसी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहता है। कोई ऐसा है जिसे आपकी जरूरत है, जो आपको समझता है, जिसे आपकी फिक्र है और जो आपके इंतजार में बेचैन रहता है, ये सारी अनुभूतियाँ आपको महत्वपूर्ण व खास होने का एहसास कराती हैं। हर व्यक्ति की खुशी का केंद्रबिंदु वह खुद होता है इसीलिए विशेष रूप से अनुभूति कराए जाने का संबंध उसके लिए सबसे अहम हो जाता है। यही वजह है कि ऐसे संबंध से जब कोई व्यक्ति किसी भी कारण से पीछे हटने लगता है तो दूसरे की दुनिया उजड़ती हुई दिखती है और वह बहुत ज्यादा विचलित हो जाता है।

ऐसे ही अँधेरेपन और निराशा भरी स्थिति से गुजर रहे हैं रमेश (बदला हुआ नाम)। रमेश भोपाल के रहने वाले हैं और वे एक लड़की से प्यार करते थे। वह लड़की भी उनसे बेहद प्यार करती थी। पर छोटे शहर के कारण वह अपने परिवार वालों से डर गई है और उसने रमेश से अब केवल दोस्त रहने की हामी भरी है।

धीरे-धीरे उसने अपनी चाहत को प्रदर्शित करने का अंदाज भी बदल दिया है। अब वह मिलने के लिए न तो बेचैन होती है और न ही कोई तरीका तलाशती है। एक प्रकार की उदासीनता उसके व्यवहार में आ गई है। रमेश इस बदलाव से बहुत विचलित हो गए हैं। उन्हें लगता है कि यह उनके साथ ज्यादती है, सब कुछ फीका-फीका सा और बेमानी हो गया है। हर समय पुरानी यादों में गुमसुम से रहते हैं। इस अकस्मात आई तब्दीली को स्वीकारने में उन्हें जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

रमेश जी, आप सच्चाई को जितनी जल्दी मान लें आपके लिए उतना ही अच्छा है। जिस प्रकार आपकी दोस्त ने भविष्य में इस रिश्ते का कोई नतीजा नहीं देखकर इससे पीछे हटने का निर्णय लिया है उसी प्रकार आपको भी व्यावहारिक होना पड़ेगा। यदि परिवार या समाज किसी प्रेम संबंध की अनुमति न दे तो सचमुच किसी युवती के लिए बहुत साहस की जरूरत पड़ती है। और यह अतिरिक्त साहस वह तभी जुटा पाती है जब उसे उस प्रेम में ही अपना जीवन दिखे। यानी प्यार की गहराई इतनी ज्यादा हो कि वह उसे अपनी जिंदगी से निकाल फेंकने में असमर्थ हो।

यह तभी संभव है जब वह किसी व्यक्ति के प्रति अपने मन में बेपनाह आस्था रखती हो। उसके किसी अच्छे व्यवहार से द्रवित हो। बेइंतहा प्रेम के कारण उसके मन में अपने साथी के लिए ममत्व का एहसास पनपता हो। उसे खुश रखने के लिए पीड़ा सहने में भी उसे खुशी मिलती हो। वह कई ऐसी अनमोल अनुभूतियों को महसूस कर चुकी हो जिसकी उसे तलाश थी। औरत के मामले में यह उसके प्रति सम्मान, बराबरी, केयर, अहमियत आदि जैसे एहसास उसके अस्तित्व से भी जुड़ जाते हैं। ऐसे साथी के प्रति वह स्थूल प्रेम से ऊपर उठकर सोचने लगती है। इस परिपूर्णता को बनाए रखने के लिए वह सारी बाधाएँ लाँघ जाती है।

पर यदि केवल साधारण सी चाहत है तो किसी लड़की के लिए दुस्साहस करना कठिन हो जाता है। फिर उसे जमाने से लड़ने के लिए कोई ऊर्जा अपने अंदर महसूस नहीं होती है। दुनिया से टक्कर लेने का विचार वह छोड़ देती है और माफी माँगकर पीछे हट जाती है।

रमेश जी, आपको अपनी दोस्त के इस विचार का सम्मान करना ही चाहिए। आपको इसलिए भी बहुत कष्ट है क्योंकि अब आप जान गए हैं कि उसकी नजर में आपकी क्या अहमियत रह गई है। आपके मन में यह बात घूमती होगी कि आपके बिना न तो वह तड़प रही है और न ही असंतुलित हो रही है। यह सवाल आपका पीछा करता होगा कि क्या उसको आपसे प्यार नहीं था।

इस प्रश्न का जो उत्तर आपको मिलता है वह आप मानना नहीं चाहते हैं। इस सच को स्वीकार करना ही अब आपके हक में होगा। यह सोच-सोचकर तिलमिलाना कि वह सामान्य है और मैं बर्बाद हो रहा हूँ कोई फायदा नहीं होगा।

दरअसल, हर व्यवहार और रिश्ते की किसी न किसी रूप में आदत पड़ जाती है। उस आदत से निकल पाना बहुत मुश्किल होता है। खासकर ऐसी आदत जिसका संबंध अच्छा लगने से हो। जिसके कारण आपको जीवन में संतोष व सुकून की अनुभूति हो। इसीलिए इस आदत से निकलने में बहुत मशक्कत करनी पड़ती है और कई बार इस दर्द को नहीं सह पाने पर व्यक्ति बेजा हरकत कर बैठता है।

आपको स्वयं को संभालना होगा। कम से कम इस बात की खुशी तो आपको होनी ही चाहिए कि आपकी दोस्त ने आपसे सच्ची बात कही है। अगर वह इस रिश्ते के लिए इतना साहस नहीं जुटा पाई है तो इसे यहीं समाप्त कर देना ही बेहतर है। प्रेम और प्रगाढ़ होने के बाद टूटना आपको और भी तोड़ देता। तब यह पीड़ा असहनीय हो जाती। अच्छा है वह अपनी सीमा समझकर पीछे हट गई वरना आपकी जिंदगी इसी डगर पर चलते हुए तहस-नहस हो जाती।

जीवन में आए एक खुशनुमा झोंके की तरह इसे लें। अच्छे अनुभव से जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। दोस्ती व प्यार के जो भी खूबसूरत पल बीते हैं उसका शुक्रिया अदा करें। बहुत से नौजवान ऐसे हैं जिन्हें इस भावना का अनुभव नहीं हुआ है। आप उस श्रेणी से ऊपर हैं। मन में कोई भी नकारात्मक भावना न आने दें। जितना मिला उतना ही सही। खुश रहने के लिए व्यस्त रहें। अपने आप पर ध्यान दें। अपने आपसे इतना प्यार करें, खुद को इतना काबिल बनाएँ कि प्यार करने वालों की कोई कमी न रहे।