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Written By वार्ता

लोकसभा चुनाव में खर्च 130 गुना बढ़ा

लोकसभा चुनाव में खर्च 130 गुना बढ़ा -
पिछले सत्तावन साल में लोकसभा चुनाव पर होने वाले सरकारी खर्च में 130 गुना वृद्धि हुई है, जबकि उम्मीदवारों की संख्या में करीब तीन गुनी बढ़ोतरी हुई है। पहली लोकसभा चुनाव में करीब 10 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, जबकि गत चुनाव में करीब 1300 करोड़ रुपए खर्च हुए।

सरकारी आँकड़ों के अनुसार 1952 में 10 करोड़ 45 लाख रुपए खर्च हुए, जबकि 1971 तक चुनाव में 11 करोड़ 60 लाख 87 हजार 450 रुपए खर्च हुए लेकिन उसके बाद चुनावी खर्च में बेतहाशा वृद्धि होने लगी है।

1977 में 23 करोड़, 1980 में करीब 54 करोड़, 84 में 81 करोड़, 89 में करीब डेढ़ अरब, 95 में साढ़े तीन अरब, 96 में करीब छह अरब, 99 में 8.8 अरब और 2004 में तेरह अरब रुपए खर्च हुए।

पहली लोकसभा चुनाव में 1874 प्रत्याशी खड़े हुए थे, जबकि 2004 के चुनाव में 5435 उम्मीदवार मैदान में उतरे 157 साल में निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या में चार गुना से अधिक वृद्धि हुई पर जीतने वाले निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या में 7 गुना कमी आई।

1952 के चुनाव में 360 निर्दलीय प्रत्याशियों की जमानतें जब्त हुई थीं, जबकि 57 साल में ऐसे निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या में सात गुना वृद्धि हुई यानी 2004 के चुनाव में 2370 निर्दलीय उम्मीदवारों की जमानतें जब्त हुईं।

अब तक सर्वाधिक 13,952 उम्मीदवार 1996 के चुनाव में खड़े हुए थे। पहली लोकसभा चुनाव में 1874, दूसरी में 1519, तीसरी में 1985, चौथी में 2369, पाँचवी में 2784, छठी में 2439, सातवीं में 4629, आठवीं में 5312, नौंवी में 6160 और दसवीं में 8668, बारहवीं में 4750, 13वीं में 4648 तथा चौदहवीं में 5435 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे।