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Written By DW
Last Modified: बुधवार, 19 मार्च 2014 (12:41 IST)

ब्रह्मांड के फैलाव का मिला राज

ब्रह्मांड के फैलाव का मिला राज -
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ब्रह्मांड के शुरुआती जीवन के बारे में संकेत देने वाली गुरुत्वाकर्षण की तरंगें अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाली हैं। इससे खुलेंगे ब्रह्मांड के कई राज।

गैलेक्टिक रिपल यानी आकाशगंगा की तरंगों की खोज, इस खोज की दुनिया भर में तारीफ की जा रही है और इसे नोबेल पुरस्कार जीतने वाली एक खोज बताया गया है। हार्वर्ड स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के वैज्ञानिकों ने घोषणा की कि पहली बार ग्रैविटेशनल वेव्स का पता लगाया गया है। इन तरंगों की उपस्थिति की दूसरे वैज्ञानिकों ने भी पुष्टि की। इससे अल्बर्ट आइनश्टाइन के सापेक्षता के सामान्य सिद्धांत के उन हिस्सों का जवाब ढूंढा जा सकेगा, जिनका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है।

वैज्ञानिकों ने इन तरंगों को 'बिग बैंग के बाद के शुरुआती कंपन' की संज्ञा दी है। ये तरंगें 14 अरब साल पहले हुए बिग बैंग के बाद अंतरिक्ष के फैलाव में 'तेज विकास की लहर' का संकेत देती हैं। इस खोज को 'ब्रह्मांड के फैलने का पहला सीधा सबूत' बताया जा रहा है। साझा प्रोजेक्ट के लीडर जॉन कोवाच ने बताया, 'इस सिग्नल को पहचानना आज खगोलशास्त्रियों के सबसे अहम लक्ष्यों में है। कई लोगों की बहुत सारी मेहनत के कारण आज हम यहां पहुंच सके हैं।'

साफ आसमान : ये खोज दक्षिणी ध्रुव पर लगे बायसेप2 टेलिस्कोप की मदद से की गई। इस टेलिस्कोप के जरिए ब्रह्मांड की सबसे पुरानी रोशनी का पता लगाया जाता है। कोवाच ने बताया, 'यह जगह ऐसी है जहां आप जमीन पर रहते हुए भी ब्रह्मांड के बहुत पास जा सकते हैं। धरती पर यह सबसे सूखी और साफ जगह है। बिग बैंग से आने वाली बिलकुल छोटी छोटी तरंगों को पकड़ने के लिए एकदम बढ़िया जगह।'

ये टेलिस्कोप आसमान के एक ऐसे हिस्से पर नजर रखता है जिसे दक्षिणी छेद या सदर्न होल कहते हैं। ये वो जगह है जो हमारी आकाशगंगा के बाहर की है जहां कम अतिरिक्त गैलेक्टिक मटैरियल है जो वैज्ञानिकों के पर्यवेक्षण में हेर फेर कर सके।

गुजरे समय को देखना : विशेषज्ञों ने आसमान में चल रहे माइक्रोवेव किरणों का अध्ययन किया। अंतरिक्ष में यह एक हलकी रोशनी की तरह दिखती हैं और टिमटिमाती हैं। इनसे अंतरिक्ष के शुरुआती दौर के बारे में पता चलता है। वैज्ञानिकों को पता चला कि बिग बैंग के करीब 3,80,000 साल बाद गुरुत्वाकर्षण की किरणों ने अंतरिक्ष को हिला दिया। मिनेसोटा यूनिवर्सिटी में असोसिएट प्रोफेसर क्लेम प्राइक ने पत्रकारों को बताया, 'ऐसी किसी चीज की खोज में निकलना और फिर उसे ढूंढ भी लेना, बहुत ही शानदार है।'

इस खोज के कारण सापेक्षता और क्वांटम मैकेनिक्स के बीच का संबंध पता लग सकेगा। 1980 में ब्रह्मांड के विस्तार की थ्योरी रखने वाले भौतिकविद ऐलेन गथ ने कहा है कि ताजा शोध निश्चित ही नोबेल पुरस्कार के लायक है।

- एएम/एमजी (एएफपी, रॉयटर्स)