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Written By DW

ओबामा का अर्धशतक

ओबामा का अर्धशतक -
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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा आज 50 साल के हो गए। ओबामा के बाल भले ही सफेद होने लगे हों, लेकिन आज भी उन्हें 'यूथ आइकन' ही माना जाता है। ऐसी क्या खास बात है ओबामा में, जो उन्हें औरों से अलग बनाती है?

जब ओबामा 2009 में अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उन्हें लेकर लोगों में उनका क्रेज कुछ वैसा ही थी जैसा किसी फिल्म-स्टार के लिए होता है। हालांकि पिछले ढाई साल में लोगों में उनके लिए दीवानगी थोड़ी कम जरूर हुआ, लेकिन उनका जादू अभी भी पूरी तरह उतरा नहीं है। ओबामा पर काम का कितना बोझ है यह उनके बालों के बदलते रंग को देख कर पता चलता है। उन्हें देख कर तो यह कहा ही जा सकता है कि ओबामा ने बाल धूप में सफेद नहीं किए हैं।

वैसे ओबामा के बालों का सफेद होना कोई नई बात नहीं है। जनवरी 2009 में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से ही लोगों की इस ओर नजर जाने लगी थी। अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने तो ओबामा की दो तसवीरें एक साथ छाप कर लिखा, 'इसमें तो बिलकुल वक्त ही नहीं लगा, अभी नई नौकरी के बस 44 ही दिन हुए हैं कि ओबामा के बाल सफेद होने लगे।'

सेलेब्रिटी नहीं आम आदमी : काम का बोझ जितना भी हो, लेकिन ओबामा के चेहरे से मुस्कराहट दूर नहीं होती। उनकी लोकप्रियता का एक कारण यह भी है कि वे वह सब करते हुए हिचकिचाते नहीं हैं, जो एक आम आदमी करता है।

कभी वे मीटिंग में सबके लिए बर्गर-किंग से हैमबर्गर मंगाते हैं, तो कभी बच्चों के साथ बास्केटबॉल खेलते हैं। परिवार के साथ छुट्टियां मानते वक्त स्वीमिंग शॉर्ट्स में फोटो खिचवाने से भी उन्हें कोई हर्ज नहीं है और ना ही प्रेस कांफरेंस में हंसी मजाक करने से वे कतराते हैं।

छह फीट एक इंच के कद वाले ओबामा स्कूल में बास्केटबॉल खेला करते थे। इस खेल से उनका लगाव अभी भी कम नहीं हुआ है। खाली समय में आज भी वह बास्केटबॉल खेलना पसंद करते हैं। उन्हें कई बार बच्चों के टूर्नामेंट में भी देखा जाता है। शुरुआत में ओबामा का 'येस वी कैन' नारा बेहद लोकप्रिय हुआ। बच्चे बूढ़े हर किसी की जुबान पर यह छाया रहा। दुनिया के किसी भी हिस्से में किसी भी तरह का आंदोलन हो, हर जगह 'येस वी कैन' लोगों को प्रोत्साहित करने में काम आया।

जन्म का 'ऑफिशियल वीडियो' : ओबामा का जन्म कब और कहां हुआ इस पर बड़ा बवाल हुआ। कई लोगों का यह मानना था कि ओबामा अमेरिकी हैं ही नहीं। ऐसी भी अफवाहें फैली कि ओबामा का जन्म अफ्रीका के देश कीनिया में हुआ। इन अफवाहों से पीछा छुडाने के लिए ओबामा को इस साल अप्रैल में अपना जन्म प्रमाणपत्र सार्वजनिक करना पड़ा। आखिरकार सब यह बात मां गए कि 4 अगस्त 1961 को बराक ओबामा का जन्म अमेरिका के हवाई में हुआ।

इस पेचीदा मामले में भी ओबामा अपना मजाकिया अंदाज नहीं भूले। उन्होंने अपने जन्म का 'ऑफिशियल वीडियो' दिखाने का वादा किया और व्हाईट हाउस कॉरसपॉनडेंट एसोसीएशन के आगे उसे प्रस्तुत भी किया। जब वीडियो चला तो सब हैरान रह गए और ठहाके मार मार कर हंसने लगे।

ओबामा ने अपने जन्म के वीडियो के नाम पर डिजनी की एनिमेटिड फिल्म 'द लायन किंग' का एक दृश्य दिखाया जिसमें जंगल का राजा मुफासा नाम का शेर अपने बेटे सिम्बा के जन्म का एलान करता है और उसे पूरे जंगल के आगे पेश करता है। इस तरह का मजाक शायद ही किसी देश के राष्ट्रपति ने कभी किया होगा। उनके इस अंदाज और हाजिर जवाबी ने उन्हें केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक बना दिया।

संयुक्त राष्ट्र जैसा परिवार : ओबामा का परिवार बहुसांस्कृतिक है। उनकी मां अमेरिकी थीं, लेकिन नाना-नानी ब्रिटेन और आयरलैंड के। ओबामा के पिता अश्वेत थे और कीनिया के रहने वाले थे। उनके माता-पिता की मुलाकात 1960 में हवाई में रूसी भाषा की क्लास में हुई और 1961 में उन्होंने शादी कर ली।

हालांकि तीन साल बाद ही 1964 में वे अलग हो गए। उसके बाद उनकी मां ने इंडोनेशिया में रहने वाले एक व्यक्ति से शादी की। पिता ने भी कीनिया लौट कर शादी कर ली। ओबामा के पिता का 1982 में एक कार दुर्घटना में देहांत हो गया और मां का 1994 में ओवरी के कैंसर के कारण।

ओबामा ने ज्यादा समय अपने नाना नानी के साथ बिताया। बचपन में ही मां बाप के अलग हो जाने के कारण ओबामा के पास उनकी बहुत कम ही यादें हैं। अपनी एक किताब में उन्होंने लिखा, 'मेरे पिता बिलकुल भी वैसे नहीं दिखते थे जैसे मेरे आस पास के लोग, मुझे बस इतना ही याद है कि वह एकदम काले थे और मेरी मां गोरी चिट्टी।' उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, 'मेरा परिवार संयुक्त राष्ट्र जैसा है।' ओबामा की मां की दूसरी शादी से एक बेटी है और पिता के छह बच्चे हैं।

मुस्लिम या ईसाई : क्योंकि ओबामा अपने नाम में अपने पिता का नाम 'हुसैन' भी लिखते हैं, इसलिए कई लोग यह मानते हैं कि वह मुस्लिम है। लेकिन ओबामा ईसाई हैं। पिछले साल अपने धर्म के बारे में बात करते हुए ओबामा ने कहा कि उनकी मां ईसाई थीं और पिता मुस्लिम, लेकिन दोनों में से कोई भी धर्म में विशवास नहीं करता था, 'मैं अपनी मर्जी से ईसाई बना हूं।

मैं जिस परिवार में बड़ा हुआ वहां लोग हर हफ्ते चर्च नहीं जाते थे। मैं अपनी मां से ज्यादा अध्यात्मिक इंसान से कभी नहीं मिला, लेकिन वह मुझे कभी चर्च नहीं ले कर गईं। यीशू की सीख ने मुझे अपनी ओर खींचा।'

2009 में उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। हालांकि कई लोगों ने इसकी आलोचना भी की। कई लोग ऐसा मानते हैं कि ओबामा से जितनी उम्मीदें थीं, वह उन पर खरे नहीं उतर पाए। हाल में पाकिस्तान में हुए ऑपरेशन के बाद उन्हें ओसामा बिन लादेन को मार गिराने के लिए तो याद रखा ही जाएगा, लेकिन फिर भी ऐसा माना जाता है कि उन्होंने बातें ज्यादा की और काम कम।

रिपोर्ट : ईशा भाटिया
संपादन : आभा एम