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Written By भाषा
Last Modified: मुंबई , बुधवार, 28 मार्च 2012 (10:53 IST)

राहुल द्रविड़ ने कहा, आंसू रोकना मुश्किल है

द वॉल का बोर्ड ने किया सम्मान

राहुल द्रविड़ ने कहा, आंसू रोकना मुश्किल है -
अपने सम्मान समारोह में आंसुओं को बमुश्किल रोकने में सफल रहे भावुक राहुल द्रविड़ ने कहा कि उन्होंने 16 वर्षों तक देश के लिए खेलने के सपने को जिया है और विश्वास जताया कि कई खिलाड़ी भविष्य में भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। द्रविड़ ने यहां आयोजित अपने सम्मान समारोह में भावुक होते हुए कहा कि यहां आंसू रोकना मुश्किल है

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हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले द्रविड़ को यहाँ एक भव्य समारोह में बीसीसीआई द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर टीम इंडिया के वर्तमान व पूर्व क्रिकेटरों के अलावा बोर्ड के पदाधिकारी और अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे। हालांकि 1983 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव और हाल ही में 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक पूरा करने वाले सचिन तेंडुलकर इस समारोह में मौजूद नहीं थे।

द्रविड़ ने कहा कि उन्होंने खुद से वादा किया था कि वे किसी भी समारोह में नहीं रोएंगे, लेकिन पिछले दो-तीन सप्ताह से उनकी कड़ी परीक्षा हो रही है। अपने साथी खिलाड़ियों अनिल कुंबले, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण, वर्तमान कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी और अन्यों की मौजूदगी में द्रविड़ ने कहा कि सुनील गावस्कर, गुंडप्पा विश्वनाथ और कपिल देव जैसे दिग्गजों को खेलते देखने के बाद वे राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बने। यह उनके लिए सम्मान की बात है।

उन्होंने कहा- करीब तीन सप्ताह पहले मैंने संन्यास लिया था और मैं अब इससे तालमेल बैठाने का प्रयास कर रहा हूं। मुझे हर दिन जिम जाने में अब मुश्किल आ रही है। हालांकि अगले दो महीने मैं आईपीएल में व्यस्त रहूंगा। मैं अब भारत के लिए नहीं खेलूंगा,लेकिन घर पर टीवी के सामने टीम को खेलते देखूंगा। मुझे यकीन है कि माही और उनकी टीम भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। उन्होंने कहा- वर्ष 2007 में पहले ही दौर में बाहर होने के बाद भारतीय टीम के हाथों में कप देखना मेरे लिए एक यादगार लम्हा था। माही को इस पर गर्व होना चाहिए।

उन्होंने कहा- 1996 से अभी तक भारतीय टीम के साथ मेरा सफर यादगार रहा है। मुझे अब भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम की कमी खलेगी। इस मौके पर सभी वक्ताओं ने द्रविड़ को भारतीय क्रिकेट का स्तंभ, महानतम नंबर तीन बल्लेबाज और विश्व के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर और राजदूत जैसे नामों से नवाजा। (भाषा)