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Written By भाषा

फेमा उल्लंघन मामले में पूछताछ

फेमा उल्लंघन मामले में पूछताछ -
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष शशांक मनोहर सहित अन्य शीर्ष अधिकारी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आयोजन में विदेशी मुद्रा से जुड़े सवालों के जवाब देने के लिए एक संसदीय समिति के सामने पेश हुए।

मनोहर के अलावा बीसीसीआई सचिव एन. श्रीनिवासन और आईपीएल अध्यक्ष चिरायु अमीन से इस ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट के दौरान विदेशी विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन के संबंध में पूछताछ की गई।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता यशवंत सिन्हा की अगुवाई वाली संसद की वित्त मामलों की स्थाई समिति ने आईपीएल संचालन परिषद के सदस्य और पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री को भी सुनवाई के लिए समन दिया था।

इस समिति के पास यह मामला लंबे समय से था और उसने हाल ही में वित्त मंत्रालय से इस बारे में बात की थी। आज इस समिति ने स्पष्टीकरण के लिए बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों को बुलाया।

बीसीसीआई से आईपीएल की वित्तीय जानकारी और विदेशी सहित भारतीय खिलाड़ियों के भुगतान के लिए अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में पूछा गया।

समिति ने बीसीसीआई अधिकारियों ने पूछा कि क्या उन्हें इस सरकारी रिपोर्ट के बारे में पता था कि राजस्थान रॉयल्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, किंग्स इलेवन पंजाब और मुंबई इंडियंस जैसी आईपीएल फ्रेंचाइजियों द्वारा किया जा रहा निवेश मारिशस, बहमास, ब्रिटिश वर्जीनिया द्वीप जैसे देशों में स्थित कंपनियों से आ रहा है।

समिति ने पूछा कि बीसीसीआई ने विदेशी मुद्रा विनिमय से पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) सहित अन्य एजेंसियों से स्वीकृति क्यों नहीं ली। बीसीसीआई के अधिकारियों ने पूछा गया कि उन्होंने कैसे सुनिश्चित किया कि फ्रेंचाइजियों को मिला पैसा काला धन नहीं है।

सिन्हा की अध्यक्षता वाली समिति का एक अन्य था, ‘क्या आप सहमत हैं कि आईपीएल फ्रेंचाइजियों और उनके सहयोगियों द्वारा बड़े स्तर पर फेमा का उल्लंघन किया गया। अगर ऐसा है तो इसे क्या कारण हैं। इस मामले में बीसीसीआई का क्या रुख है।’

बीसीसीआई से आईपीएल फ्रेंचाइजियों के मालिकाना और शेयरधारिता से संबंधित सवाल भी पूछे गए। समिति ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि कुछ मामलों में निवेश कुछ लोगों या कंपनियों द्वारा गया। लेकिन इस धन को किसी अन्य व्यक्ति, कंपनी के नाम पर जारी किया गया।

समिति ने वर्ष 2009 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुए आईपीएल के दूसरे सत्र में खर्चे से संबंधित जानकारी माँगी। बीसीसीआई के खिलाफ फेमा उल्लंघन के एक अन्य मामले में समिति ने कहा कि बोर्ड ने दक्षिण अफ्रीका में विदेशी चालू खाता खोलने और उसके संचालन के लिए आरबीआई और आयकर विभाग से अनुमति नहीं ली। (भाषा)