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Written By भाषा

तेंडुलकर और चोट का सालों पुराना नाता

तेंडुलकर और चोट का सालों पुराना नाता -
पांव की अंगुलियों की चोट उबरने के कारण इंग्लैंड में वनडे से बाहर हुए सचिन तेंडुलकर पिछले दस साल में हेयरलाइन फ्रैक्चर, टेनिस एल्बो, कंधे, घुटने, ग्रोइन आदि की चोटों से जूझते रहे हैं। चोट से उनका सालों पुराना नाता रहा है।

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तेंडुलकर नवंबर 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ कराची में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद लगभग अगले 12 साल तक कभी चोटिल नहीं हुए। इस दौरान उन्होंने लगातार 84 टेस्ट मैच खेले लेकिन इसके बाद उन्हें चोटों के कारण जब तब टीम से बाहर होना पड़ा। पिछले दस साल में तेंडुलकर मुख्य रूप से चोटों के कारण 14 टेस्ट और 123 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में नहीं खेल पाए हैं, जबकि अपने करियर के शुरुआती 12 साल में उन्होंने जहां लगातार 84 टेस्ट मैच के अलावा 273 वन डे मैच खेले थे।

सचिन अपने करियर के शुरुआती 12 साल में केवल 36 वन डे से बाहर रहे थे लेकिन पिछले दस साल में वह भारत की तरफ से 123 एकदिवसीय मैच में नहीं खेल पाए। तेंडुलकर को पहली बार अगस्त 2001 में दाहिने पांव के अंगूठे में हेयरलाइन फ्रैक्चर के कारण किसी सिरीज से बाहर होना पड़ा था। वह तब श्रीलंका दौरे पर नहीं जा पाए थे। इसके बाद अक्टूबर 2004 में वह बाएं हाथ में टेनिस एल्बो के कारण ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरू और चेन्नई टेस्ट मैच में नहीं खेल पाए थे। इस वजह से वह अगस्त 2004 में श्रीलंका के खिलाफ एशिया कप फाइनल में भी नहीं खेल पाए थे तथा उन्हें हॉलैंड और इंग्लैंड में एकदिवसीय टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा था।

मास्टर ब्लास्टर को इसके बाद कंधे का दर्द भी सताने लगा जिसका उन्होंने मार्च 2006 के अंतिम सप्ताह में ऑपरेशन करवाया। इस वजह से वह वेस्टइंडीज दौरे पर नहीं जा पाए थे जहां भारत ने चार टेस्ट मैच की सिरीज खेली थी। वर्ष 2006 में वह केवल एक एकदिवसीय मैच खेल पाए थे। यह मैच भी उन्होंने दिसंबर में खेला था जबकि वह चोट से पूरी तरह उबर गए थे। इसके अगले साल पाकिस्तान के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में क्षेत्ररक्षण करते समय तेंडुलकर के घुटने में चोट लग गई और उन्हें बेंगलुरू में अगले टेस्ट मैच से बाहर बैठना पड़ा था।

तेंडुलकर 2008 में ग्रोइन की चोट के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अहमदाबाद और कानपुर टेस्ट मैच में नहीं खेल पाऐ थे।

वह 2009 में श्रीलंका दौरे में वनडे सिरीज के बीच में ही स्वदेश लौट आए थे। उसी वर्ष आईपीएल के दौरान अंगुली में चोट लगने के कारण वह वेस्टइंडीज में वनडे खेलने के लिए नहीं जा पाए थे। इस स्टार बल्लेबाज ने 2010 में सभी 14 टेस्ट मैच खेलकर 78.10 की औसत से 1562 रन बनाए लेकिन इस बीच वह वन डे से बाहर रहे। उन्होंने बीते साल केवल दो वन डे मैच खेले थे जिनमें ग्वालियर का वह मैच भी शामिल है जिसमें उन्होंने रिकॉर्ड नाबाद 200 रन बनाए थे। तेंडुलकर 2011 में आईपीएल के बाद चोटिल होने के कारण वेस्टइंडीज दौरे पर भी नहीं जा पाए थे। (भाषा)