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Written By वार्ता
Last Modified: ढाका , शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011 (19:14 IST)

'जख्मों' पर मरहम लगाने उतरेगा ऑस्ट्रेलिया

''जख्मों'' पर मरहम लगाने उतरेगा ऑस्ट्रेलिया -
विश्वकप में अपने खिताब का बचाव नहीं कर पाया ऑस्ट्रेलिया शनिवार को जब यहाँ शेरे बंगला नेशनल स्टेडियम में मेजबान बांग्लादेश के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सिरीज का पहला मुकाबला खेलने उतरेगा तो उसका लक्ष्य विश्वकप की कड़वी यादों को पीछे छोड़कर नए कप्तान माइकल क्लार्क की अगुवाई में नई शुरुआत करना होगा।

चार बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को विश्वकप के क्वार्टर फाइनल में सहमेजबान भारत के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले पाकिस्तान ने भी उसे अंतिम लीग मैच में हराकर विश्वकप में उसके 34 मैचों से चले आ रहे अपराजेय क्रम को थाम लिया था।

विश्वकप की हार ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में काफी कुछ बदल दिया है। रिकी पोंटिंग ने कप्तानी छोड़ दी है और क्लार्क के कप्तानी में खेलने को सहमत हो गए हैं। ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट इतिहास में पिछले लगभग तीन दशक में यह पहला मौका है जब किसी कप्तान को इस्तीफा देना पड़ा है।

ऑस्ट्रेलिया के लिए इस स‍िरीज में सबसे अहम बात क्लार्क की कप्तानी की परीक्षा है। क्लार्क पहली बार किसी सिरीज में पूर्णकालिक कप्तान बने हैं। हालाँकि पहले भी वह टीम की कप्तानी संभाल चुके हैं लेकिन कार्यवाहक कप्तान के रूप में। उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने जोखिम लेने और लीक से हटकर खेलने का माद्दा दिखाया है।

क्लार्क की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने 24 वनडे में से 18 में जीत दर्ज की है। अब क्लार्क के पास अपनी प्रतिभा दिखाने का असली मौका है और उनके मार्गदर्शन के लिए पोंटिंग भी हैं लेकिन यह उम्मीद नहीं की जा सकती कि हर बात के लिए क्लार्क पोंटिंग की सलाह लेने पहुँच जाएँगे।

पिछले नौ वर्षों में यह पहला मौका है जबकि पोंटिंग किसी और की कप्तानी में मैच खेलने उतरेंगे। उन्होंने विश्वकप के क्वार्टर फाइनल में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए शानदार शतक बनाते हुए साबित किया था कि उनमें अभी भी काफी दमखम है और वह अभी चुके नहीं हैं।

विश्वकप खेलने वाले ऑस्ट्रेलिया के तीन खिलाड़ी इस ‍सिरीज में नहीं हैं। तेज गेंदबाज शॉन टेट संन्यास ले चुके हैं। स्पिनर जैसन क्रेजा को टीम में शामिल नहीं किया गया है जबकि डेविड हसी अपने बच्चे के जन्म के कारण इस दौरे पर नहीं आ सके।

विश्वकप के दौरान तेज गेंदबाज जॉन हेस्टिंग्स को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था लेकिन बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड एकादश के खिलाफ मैच में उन्होंने हैट्रिक सहित चार विकेट लेकर अपनी उपयोगिता साबित की है। तेज गेंदबाज ब्रेट ली का यह 200वाँ वनडे होगा और यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह ऑस्ट्रेलिया के नौवें खिलाड़ी होंगे।

दूसरी तरफ मेजबान बांग्लादेश की कोशिश भी विश्वकप की अपनी नाकामी को पीछे छोड़ते हुए अच्छा प्रदर्शन होगा। बांग्लादेश ने विश्वकप में क्वार्टर फाइनल में पहुँचने का लक्ष्य रखा था लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाया। टीम को अंतिम लीग मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के हाथों 206 रन से करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था।

बांग्लादेश के साथ समस्या यह रही कि टीम खेल के हर विभाग में पिछड़ी रही। बल्लेबाज जहाँ रन नहीं बना पाए वहीं गेंदबाजों ने जमकर रन लुटाए। कप्तान शाकिब अल हसन पर टीम को इन कमजोरियों से उबारकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी जमीन पर कड़ी चुनौती देने का दबाव होगा। (वार्ता)