क्या सचिन और द्रविड़ में है क्रिकेट की समझ का फर्क?
वेबदुनिया डेस्क
सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ एक ही युग के क्रिकेटर हैं और ये दोनों ही भारतीय क्रिकेट इतिहास के दो महान खिलाड़ी हैं। इनकी क्रिकेट समझ के बारे में किसी को कोई शक नहीं हो सकता, लेकिन क्या ऐसा है कि सचिन और द्रविड़ दोनों ही अलग अलग तरह से क्रिकेट को समझते हैं? यह सवाल चौंका देने वाला है, लेकिन पिछले दिनों सचिन और द्रविड़ के बयान आए, जिनमें क्रिकेट की बुनियान की बात की गई थी। अगर दोनों बयानों को देखा जाए तो सचिन और द्रविड़ के बयान में क्रिकेट की समझ को लेकर अलग अलग विचार देखने को मिलेंगे। सचिन ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि खिलाड़ियों का चयन करते वक्त चयनकर्ताओं को खिलाड़ियों के आंकड़ों का नहीं, बल्कि उनकी योग्यता एवं दबाव सहने की क्षमता को देखना चाहिए। इसके बाद यह चर्चा चल पड़ी कि कहीं सचिन टीम में अपना स्थान बचाने के लिए तो ऐसा नहीं कह रहे हैं। कई लोगों ने सचिन के इस बयान को टीम में बने रहने के लिए उनकी खुद की पैरवी माना।दूसरी तरफ द्रविड़ ने टी-20 के साथ साथ टेस्ट क्रिकेट की अहमियत को भी माना। द्रविड़ ने कहा है कि टी-20 खेलने से क्रिकेट में नए शॉट्स सामने आ रहे हैं और टेस्ट मैच क्रिकेट का आधार है। द्रविड़ ने कहा कि टेस्ट मैचों को लगातार बढ़ावा देना बेहद जरूरी है क्योंकि इसी आधार पर क्रिकेट टिका है। द्रविड़ ने यह भी कहा कि टेस्ट मैच एक तरह से क्रिकेट रूपी वृक्ष का तना है और क्रिकेट के नए स्वरूप टी-20 और वनडे इसकी डालियां हैं।
सचिन और द्रविड़ के बयान में फर्क कहां? आगे पढ़े...
हालांकि सचिन ने टीम में चयन होने वाले खिलाड़ियों के संबंध में बयान दिया था, जबकि द्रविड़ क्रिकेट के फॉर्मेट पर बात कर रहे थे, लेकिन जब सचिन यह कहते हैं कि टीम में चयन के लिए खिलाड़ी के रिकॉर्ड को ध्यान में नहीं रखा जाना चाहिए तो वे किसकी तरफ इशारा कर रहे हैं?