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Written By वार्ता
Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 6 सितम्बर 2011 (01:39 IST)

कब तक लड़ेगी चोटिल खिलाड़ियों की फौज

कब तक लड़ेगी चोटिल खिलाड़ियों की फौज -
इंग्लैंड दौरे में टीम इंडिया इस कदर चोटिल हो गई है कि चोटिल भारतीय खिलाड़ियों की एकादश तैयार होने में बस एक की कमी रह गई है।

भारत के सात खिलाड़ी अब तक चोटिल होकर इंग्लैंड दौरे से बाहर हो चुके हैं जबकि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर, मेरठ एक्सप्रेस प्रवीण कुमार और खुद कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी चोटों से जूझकर टीम में बने हुए हैं।

धोनी के बारे में खबरें आई हैं कि वह अपने हाथ में सूजन को झेलते हुए खेल रहे हैं, जिसका असर उनकी बल्लेबाजी पर पड़ा है।

चेस्टर ली स्ट्रीट में शनिवार को पहले वनडे के ठीक पूर्व सचिन के दाएं पैर के अंगूठे में दर्द उभरा और इसी मैच में ऑलराउंडर रोहित शर्मा तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड की उठती हुई गेंद अंगुलियों पर खाकर चोटिल हो गए। इसके बाद भारत का सिरदर्द बढ़ गया।

विस्फोटक ओपनर वीरेन्द्र सहवाग, उनके सलामी जोडीदार गौतम गंभीर, तेज गेंदबाज जोड़ी ईशांत शर्मा और जहीर खान तथा रोहित वनडे टीम में शामिल किए जाने के बाद चोटों के कारण वापस किए गए हैं जबकि ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह और हरफनमौला युवराज सिंह को चोटों के कारण वनडे टीम में रखा ही नहीं गया।

हरभजन और युवराज को टेस्ट टीम में रखा गया था लेकिन दोनों ही टेस्ट श्रृंखला में अपनी फिटनेस से जूझते रहे और दूसरे टेस्ट के बाद शेष दौरे बाहर हो गए। प्रवीण टखने की चोट के कारण चौथे टेस्ट से बाहर रहे थे।

टेस्ट सिरीज से चली यह समस्या वनडे मैचों तक पहुंची तो गंभीर, जहीर, ईशांत. रोहित और सचिन का नाम भी एक-एक कर चोटिलों की फेहरिस्त में शामिल होता चला गया और चोटिलों की संख्या 10 हो गई इस तरह अगर अब किसी एक और खिलाड़ी को चोट लगती है तो इन चोटिल खिलाडियों की संख्या पूरे 11 हो जाएगी।

जहीर पहले टेस्ट में चोट के कारण बाहर हुए तो फिर टीम में नहीं लौटे। हरभजन और युवराज दूसरे टेस्ट के बाद शेष दौरे से बाहर हो गए। सहवाग अंतिम दो टेस्ट खेलकर बाकी दौरे से निपट गए। गंभीर टेस्ट सिरीज में मैदान में कम अस्पताल में ज्यादा दिखायी दिये और अंतत वह भी दौरे से बाहर हो गए।

रोहित शर्मा वनडे सिरीज में एक गेंद खेलकर अपनी अंगुली फ्रैक्चर करा बैठे और वनडे सिरीज से बाहर हो गए। इशांत टखने की चोट के कारण टेस्ट सिरीज के बाद वनडे सिरीज से बाहर हुए।

आलम यह है कि फिलहाल विश्व चैंपियन भारतीय टीम के मात्र चार खिलाड़ी वनडे सिरीज में पूरी तरह टीम के साथ हैं। कप्तान धोनी के अलावा विराट कोहली, सुरेश रैना और मुनाफ पटेल ही वे सदस्य हैं जो पूरी तरह मैदान में उतरने के लिए फिट हैं।

इस चोटिल फौज की पटकथा टीम के इंग्लैंड पहुंचने के बाद नहीं बल्कि टीम चयन के वक्त ही बहुत कुछ लिखी जा चुकी थी। कंधे के ऑपरेशन के बाद पूरी तरह फिट नहीं होने के बावजूद सहवाग को टीम में रखा गया और कहा गया कि वह दो हफ्ते बाद टीम से जुडेंगे।

सहवाग देर से टीम के साथ जुडे लेकिन कुछ खास नहीं कर सके और दो टेस्ट मैच के खेलने के वनडे सिरीज शुरु होने के पहले ही उन्हें नाम वापस लेना पड़ा। बताया जाता है कि कंधे की चोट से तो वह उबर रहे थे लेकिन कान में संक्रमण की नई समस्या ने उन्हें बाहर कर दिया।

गंभीर भी फिट नहीं होने के कारण वेस्टइंडीज दौरे पर जा नहीं सके थे लेकिन इंग्लैंड दौरे पर चुना गया तो लगातार चोटों से उनका सामना हुआ। टेस्ट सिरीज में कोहनी की चोट ने उन्हें दूसरे टेस्ट में टीम से बाहर किया और चौथे टेस्ट में एक कैच पकड़ने की कोशिश में उनका सिर जमीन से टकराया जिसका असर अब उनकी आंखों पर पड रहा है और वह धुंधला दिखायी देने की शिकायत कर रहे हैं।

यहां ध्यान देने की बात है कि गंभीर, सहवाग, जहीर और युवराज चोटों के बावजूद इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपनी टीमों के लिए पूरे जोशो-खरोश से खेल रहे थे और लीग खत्म होने के बाद से लगातार अपनी फिटनेस को लेकर जूझ रहे हैं।

चोटिल खिलाड़ियों की बढ़ती फेहरिस्त से हैरान-परेशान होकर कप्तान धोनी खुद भारतीय ड्रेसिंग रूम को मिनी अस्पताल की संज्ञा दे चुके हैं। धोनी ने साथ ही कहा है कि विदेश दौरों पर टीम में 15 की जगह 18 खिलाड़ी शामिल किए जाए।

हालांकि सवाल यह उठता है कि जब 10-11 खिलाड़ी चोटों से जूझ रहे हों तब 18 की टीम भी कैसे अंतिम एकादश का चयन कर पाएगी। (वार्ता)