पोंटिंग ने खोला जीत का राज
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग ने क्रिकेट में उनकी टीम की सफलता का मूल मंत्र बताते हुए कहा कि उनके खिलाड़ी खुद को दूसरी सर्वश्रेष्ठ टीम समझते हैं, जिससे उनमें बेहतर करने का जज्बा बरकरार रहता है। पोंटिंग ने कहा कि जब टीम मैच और टूर्नामेंट की तैयारियाँ करती है तो वह खुद को नबंर दो टीम मानकर चलती है, जिसे बेहतर प्रदर्शन की जरूरत है। टीम को दो बार विश्व कप दिलाने वाले कप्तान ने कहा हमने जो पा लिया है उससे खुश नहीं होना चाहिए। हमें उतनी ही कोशिश करनी चाहिए जितना कोई और करता है। मैदान में उतरने के लिये ऑलियाई टीम ने खुद के लिये कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किए हुए क्योंकि वे स्वयं को कुल स्कोर बनाने तक बाँधना के लिए बाध्य नहीं होना चाहते। इस तस्मानियाई क्रिकेटर ने कहा हम खुद को सीमित नहीं रखते, क्योंकि जब आप खुद को बाँध लेते हैं तो आप बड़ी चीजें प्राप्त नहीं कर सकते। भारतीय क्रिकेट में चल उठापटक के बारे में उन्होंने कहा मैं इस बारे में सचमुच नहीं जानता। भारतीय टीम काफी मानसिक दबाव में खेल रही है। हमें इससे बाहर आने के बारे में सीखना चाहिए। पोंटिंग मास्टर बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर का बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने मुंबई के इस बल्लेबाज को महान क्रिकेटरों में से एक बताया। पोंटिंग ने कहा वह उन सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से है, जिन्हें मैंने देखा है। मैं उनके जितना शानदार बनने की कोशिश कर रहा पोंटिंग यहाँ उपेक्षित वर्ग के स्कूली बच्चों की मदद के लिए चलाए जा रही एक योजना की घोषणा के कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस योजना के तहत वह पूरे वर्ष एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में जितने रन बनाएँगे, उसके हिसाब से प्रत्येक रन पर बच्चों की सहायता की जाएगी। उन्होंने एक गैर सरकारी संस्था के जरिए 80 बच्चों को क्रिकेट के गुर सिखाए। पोंटिंग को उम्मीद है कि वह इन बच्चों की सहायता के लिए ज्यादा से ज्यादा रन बनाएँगे। उन्होंने कहा बतौय युवा खिलाड़ी मुझे काफी मौके उपलब्ध कराए गए। मैंने किसी को भी कमतर नहीं आँका और इनका फायदा उठाया। मुझे पूरा विश्वास है कि ये बच्चे भी ऐसा ही करेंगे।