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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) , शुक्रवार, 24 अप्रैल 2009 (20:33 IST)

सिपला को कैंसर दवा बिक्री की छूट

सिपला को कैंसर दवा बिक्री की छूट -
दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय दवा कंपनी सिपला को फेफड़े के कैंसर की इरलोटिनिड के सामान्य संस्करण का उत्पादन और बिक्री करने की छूट दे दी है। इस दवा का पेटेंट स्विस फार्मा कंपनी होफमैन ला रोशे के नाम है।

मुख्य न्यायाधीश एपी शाह की अध्यक्षता वाली पीठ ने इसम मामले में अपने पूर्व के अंतरिम आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें सिपला को इस दवा का निर्यात करने से रोक दिया गया था।

अदालत ने अपने ताजा आदेश में स्विस कंपनी की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें भारतीय कंपनी जेनेरिक दवा के निर्माण और बिक्री पर तब तक रोक लगाए जाने का अनुरोध किया गया था, जब तक पेटेंट अधिकार के मुद्दे पर फैसला नहीं हो जाता।

एकल पीठ की ओर से याचिका खारिज किए जाने के बाद स्विस कंपनी ने खंडपीठ में याचिका दायर की थी। अदालत ने स्विस कंपनी पर पाँच लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। पीठ ने यह भी कहा कि कैंसर की सस्ती दवा की जरूरत है।

सिपला की ओर से मामले में पेश हुई अधिवक्ता प्रतिभा मनिंदरसिंह ने दलील दी कि कंपनी पर जीवन रक्षक दवाओं के निर्माण के लिए रोक नहीं लगाई जानी चाहिए क्योंकि सिपला द्वारा उत्पादिन इस औषधि की कीमत कीमत 1700 रुपये है, जबकि स्विस कंपनी इसे करीब 4000 रुपए में बेचती है।

स्विस कंपनी ने अदालत में उस समय याचिका दायर की जब उसे यह पता चला कि सिपला ला रोशे द्वारा निर्मित दवा को टारसेवा ब्रांड से लांच करने वाली है, रोशे का फरवरी 2007 में दवा पर पेटेंट अधिकार नहीं था।