...वरना कमाल का था राजू का खेल
सत्यम कम्प्यूटर के हिसाब-किताब में जिस सफाई से हेराफेरी की गई, वह अपराध न होता तो उसे कमाल का खेल कहा जा सकता था। यह बात सेबी के पूर्व अध्यक्ष एम. दामोदरन ने यहाँ एक बिजनेस नेटवर्क संगठन सीईओ क्लब्स द्वारा आयोजित एक समारोह में कही। उन्होंने कहा कि यदि इसका मकसद बेईमानी नहीं होता तो जो योजना थी, वह बड़ी कलात्मक थी।दामोदरन सॉफ्टवेयर कंपनी टेक महिंद्रा के निदेशक मंडल में हैं, जो सत्यम को संभालने जा रही है। उन्होंने कहा कि सत्यम का घोटाला अपने किस्म की विलक्षण घटना है। यह एक अलग मामला है, इसे आप देश के कंपनी जगत की सामान्य स्थिति से नहीं जोड़ सकते। यह पूछने पर कि सत्यम के घोटाले से बाजार नियामक ने क्या सीखा, दामोदरन ने कहा घोटालेबाजों को शीघ्रता से दंडित किया जाए, ताकि दूसरे घोटाला करने से डरें।उन्होंने भारत में हर्षद मेहता और पश्चिम में निक लीसन के मामलों की मिसाल दी। दामोदरन ने कहा कि मेहता के खिलाफ मामला अदालत में लटका रहा और मेहता की मृत्यु हो गई, जबकि लीसन को हिरासत में लिया गया। उसने दंड पाया, उसे छोड़ा गया और बाद में उसने एक किताब लिखी और नई शुरुआत की।