Last Modified: मुंबई ,
शनिवार, 16 जून 2012 (22:24 IST)
रुपए में घट-बढ़ चिंतनीय-प्रणब
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अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर में हाल में आई गिरावट और उतार-चढ़ाव पर चिंता व्यक्त करते हुए वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि देश के निर्यात बाजार का तुरंत विस्तार करने की आवश्यकता है।
वित्तमंत्री ने यहां भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की सालाना आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि रुपए की घटबढ़ अभी भी चिंता का विषय है। चालू खाते के घाटे और निर्यात वृद्धि में सुस्ती को देखते हुए हमें अपने निर्यात बाजारों और निर्यात होने वाले उत्पादों के विस्तार और विविधीकरण की तुरंत आवश्यकता है।
हालांकि, इस दौरान वित्तमंत्री ने कच्चे तेल के दाम में आ रही गिरावट जैसे सकारात्मक घटनाक्रम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इससे देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि कच्चे तेल के ऊंचे दाम के चलते पिछले वित्त वर्ष में व्यापार घाटा 190 अरब डॉलर रहा था।
देश का तेल आयात पिछले वित्त वर्ष में 155.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया था, जबकि सोने का आयात 66.1 अरब डॉलर तक पहुंच गया।
सुस्त आर्थिक वृद्धि को लेकर सरकार की आलोचनाओं का जवाब देते हुए मुखर्जी ने कहा वैश्विक परिदृश्य अनुकूल नहीं है इसमें किसी तरह का सामंजस्य बिठाना मुश्किल हो रहा है। यूरोक्षेत्र की घटनाएं अभी भी चिंताजनक बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि हर कोई यूनान के कल होने वाले चुनाव के परिणाम पर नजर टिकाए हुए है कि इसमें सुधारवादी दल को बहुमत हासिल होता है अथवा नहीं।
रिजर्व बैंक की सोमवार को घोषित होने वाली मध्य तिमाही समीक्षा के बारे में मुखर्जी ने कहा कि मौद्रिक नीति तैयार करते समय रिजर्व बैंक को अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए। चालू खाते में बढ़ता घाटा, सुस्त पड़ती आर्थिक वृद्धि और राजकोषीय घाटे की स्थिति को देखना चाहिए। रिजर्व बैंक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय नियामक है और वह सही समय पर सही निर्णय लेगा। (भाषा)